भाई जान को मिला कोयले की कमान, क्या साथ दे रहे है कप्तान?

अनूपपुर – ( नसरीन अशरफी )सैया भैय कोतवाल तो डर काहे का होय ये कहावत सच साबित होते नज़र आ रही है बीते कुछ महीनों से कोयले के इस व्यापार ने कितनों के काले कमीज को सफेद कर दिया और काला व्यक्ति उजला हो गया आज कई दशक से कोयले का यह व्यापार सम्भाग के चर्चित हाँथो में था किंतु बड़े मुनाफे और कम समय मे ज्यादा रुपयों की चाह में अब बाहर से आकर लोग यहाँ कोयले के काले खेल को अंजाम दे रहे हैं और अवैध काम को वैध करने का दम भर रहे हैं चर्चा है कि बन्द कमरे में चाय-नाश्ते के साँथ इस पूरे खेल को रचा जाता है फिर मैनेजमेंट के हिस्सेदारों और हिस्से के हिसाब के बाद अपने मुनाफे का हिसाब लगाया जाता है। इस पूरे खेल में पुलिस विभाग के कर्मचारी भी सम्लित है औऱ पूरी सहभागिता है इस बात से इंकार नही किया जा सकता पहले भी लोकायुक्त की टीम कार्यवाही कर चुकी है लेकिन ये सिर्फ अपना रौब ज़माने के लिए ही किया गया था वार्दी वाले का साथ हो तो सब मुमकिन हो सकता हैँ

बीते कुछ दिनों से जबलपुर से आए भाई जान अनूपपुर जिले में अवैध कोयला खोदने और उसे मंडी में बेंचने का दम भर रहा है इस खेल में स्थानीय दो स्टार भी मैनेजमेंट की भूमिका निभा रहे हैं। चर्चा है कि जेसीबी लगाकर कोयले के सुरंग बनाए जा रहे हैं और कुछ निचले स्तर के जिम्मेदारों को लिफाफे की सौगात भेंट कर दी गई है बिजुरी और आसपास के क्षेत्र में भाई जान जेसीबी लगाकर इस काम को बखूबी अंजाम दे रहा है। कोयले के इस खेल का मैनेजमेंट सोशल मीडिया में खूब चल रहा है जिसमे मैनेजमेंट कर्ता और काम करने वाले के नाम लिखकर वायरल किया जा रहा है। अनूपपुर कप्तान भले ही जिले में तमाम अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं पर कोयले का यह काला कारोबार बाहर से आया व्यक्ति कैसे कर रहा है यह समझ से परे है हम मान लेते हैं कि इसकी जानकारी कप्तान को न हो किन्तु थाने के अधीनस्थ वर्दीधारी क्या कर रहे हैं?

सूत्रों की माने तो अगले अंक मे औऱ भी चौकाने वाले तथ्य सामने आयेंगे !!