मुंबई : एसबीआई ने कर्ज किया सस्ता. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख ब्याज दरों मे उम्मीद से ज्यादा 35 बीपीएस की कटौती की थी. SBI की फंड आधारित ब्याज दरें (एमसीएलआर) की एक साल की मार्जिनल लागत 10 अगस्त से 8.40 फीसदी से घटकर 8.25 फीसदी हो जाएगी.
SBI ने कहा, “आरबीआई द्वारा चालू वित्तवर्ष (2020) में रेपो दर में की गई 85 बीपीएस का पूरा लाभ SBI अपने कैश क्रेडिट और 1,00,000 की सीमा से अधिक वाले ओवरड्राफ्ट उपभोक्ताओं को देने जा रही है.”
आरबीआई ने बुधवार को ब्याज दरों में कटौती की. यह इस साल लगातार चौथी कटौती है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि सरकारी बैंक अपने ग्राहकों को प्रमुख ब्याज दरों में कटौती का पूरा लाभ नहीं दे रहे हैं. आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट में 35 बीपीएस की कटौती के बाद बैंकों के कर्ज उठाव में सुधार हुआ है.
रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती कर दी है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती की है. RBI ने रेपो रेट 5.75 फीसदी से घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जून, अप्रैल और फरवरी में भी ब्याज दरों में कटौती की थी. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 5.50 फीसदी से घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया है. मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट 6 फीसदी से घटाकर 5.65 फीसदी कर दिया है.
ब्याज दरों में कटौती का फायदा आम लोगों को मिलने जा रहा है. अब उन्हें हर महीने कम EMI देनी पड़ेगी. रेपो रेट में कटौती का फायदा उन लोगों को मिलेगा, जिनका होम लोन या ऑटो लोन चल रहा है. दरअसल रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों पर होम या ऑटो लोन पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनेगा. बता दें कि आरबीआई के नए नियमों के बाद बैंकों को रेपो रेट कटौती का फायदा आम लोगों को देना ही पड़ेगा.
मान लीजिए आपने 20 साल के लिए 50 लाख रुपये का लोन लिया है. पुरानी दर 8.5 फीसदी के मुताबिक आपकी हर महीने की EMI 43,391 रुपये बनती थी, लेकिन ब्याज दरें घटने के बाद नई दर 8.15 फीसदी के हिसाब से अब EMI के रूप में 42,290 रुपये ही चुकाने होंगे. मतलब कि आपको हर महीने 1,101 रुपये का फायदा होने जा रहा है.