रायपुर :भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस को संस्कार की नसीहत देने पर आपत्ति व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने भरतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस को नसीहत देने के पहले अपने गिरेबान में झांके ।पन्द्रह सालो तक सरकार में रहने के दौरान भ्रस्टाचार ,बदजुबानी ,अभद्रता के साथ सत्ता के दुरुपयोग करने का गंदा खेल खेलने वाले आज कांग्रेस को संस्कारो की सिख न दे तो बेहतर है।भाजपा में तनिक भी नैतिकता और लोकतांत्रिक संस्कार होता तो अंतागढ़ मामले में मंतूराम को पार्टी से निकालने के साथ ही रमन सिंह और मूणत को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिए होते । उस भाजपा के प्रवक्ता आज कांग्रेस को नसीहत देने का दुस्साहस कर रहे है जिनके स्वस्थ्य मंत्री नसबंदी कांड में 17 माताओं की मौत के बाद ठहाके लगाते थे ।प्रदेश की जनता भूली नही है किस प्रकार बालोद नेत्र कांड के बाद उसी भाजपा सरकार के मंत्री अमर अग्रवाल ने आंखों की रोशनी खोए बुजुर्गों से बेशर्मी पूर्वक कहा था मेरे आंखों के नीचे भी काला हो गया है मैं किससे कहूँ। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के द्वरा दी गयी पुत्र की गलती पर पिता को उल्टा लटका कर मारने के न्याय सिद्धांत की बेशर्म परिभाषा को लोग भूले नही हैं।।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राघव जी जोशी, उन्नाव और कठुआ वालों की पार्टी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेश की संस्कार हीनता पर टिप्पणी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रखती।भाजपाई संस्कार सिखाने का इतना ही शौक रखते है तो अपने चिन्मया नंद जैसे बुजुर्ग नेताओ को चारित्रिक संस्कार सिखाएं जिनके कारनामो से पूरा सभ्य समाज शर्मिंदगी महसूस कर रहा है ।
मंत्री कवासी लखमा ,और विधायक बृहस्पति सिंह ने लोकतांत्रिक प्रतिरोध के तरीकों की बात की थी जिसका आशय भी उन्होंने स्प्ष्ट कर दिया है ।मंत्री लखमा ने साफ कहा है कि उनका उद्देश्य किसी को अभद्रता सिखाना नही था ।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने फोन पर जो बाते कही है उस प्रकार की चर्चा चुनाव प्रचार में सामान्य है ।चुनाव जीतने नही जीतने की संभावना चुनाव के दौरान परस्पर होती रहती हैं।इसमे कोई आपत्ति जनक नही है ।मुद्दा विहीन भाजपा दंतेवाड़ा उपचुनाव में हार की आशंका से झूठ और गलत बयानी कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश में लगी है।