रायपुर-छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी और जीवनदायिनी नदी,महानदी को रेत माफिया खतरे में डाल रहे हैं। महानदी के तटीय गांवों में बाढ़-आपदा का खतरा बढ़ गया है। धमतरी से लेकर गरियाबंद, महासमुंद, बलौदाबाजार और रायगढ़ जिले तक जगह-जगह रेत खदानें अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। जहां बेतरतीब ढंग से पर्यावरण के मापदंडों को दरकिनार कर खोदाई की जा रही है। रेत माफिया को कथित तौर पर सत्तारूढ़ दल के नेताओं का खुला संरक्षण भी प्राप्त है।
इसके चलते बेखौफ होकर नियम-कायदे को दरकिनार कर रातोंरात खोदाई की जा रही है। इससे कई स्थानों पर महानदी का तटीय क्षेत्र फैलकर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। यही कारण है कि महासमुंद जिले के बड़गांव और समीपवर्ती अनेक गांवों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हांकित करना पड़ा है। सख्ती के साथ इस पर विराम नहीं लगाया गया तो आने वाले वर्षों में महानदी के तटवर्ती अनेक गांवों में भयंकर बाढ़ आपदा की स्थिति उत्पन्न होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।