रायपुर/ पेट्राल-डीजल, रसोई गैस के बढ़ते दामों और बेतहाशा बढ़ रही महंगाई का विरोध करने के लिए कांग्रेस ने 10 सितंबर को भारत बंद का अह्वान किया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव ने प्रदेश की जनता से 10 सितंबर को अपने प्रतिष्ठान, संस्थान बंद कर भारत बंद में सहयोग देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि जनता की खामोशी को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सहमति समझ रही है और इसलिए यह बताना ज़रुरी है कि आम जनता इससे परेशान है और विरोध दर्ज करवा रही है।नेताद्वय ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थो के बढ़ते दामों से आम आदमी की कमर टूट गयी है। मध्यम वर्ग, किसान, व्यापारी, मजदूर, ट्रांसपोर्टर, गृहणी सभी परेशान हो गये हैं। मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर भारी टैक्स लगाये जाने से पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतें आसमान छूने लगी है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें इतिहास में सबसे उंचे पायदान पर है। पेट्रोल-डीजल पर भारी भरकम टैक्स लगाकर पिछले 52 महीने में मोदी सरकार 11 लाख करोड़ रू. से ज्यादा का मुनाफा कमा चुकी है। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि सरकार का काम जनहित को सर्वोपरि रखना है और सरकार का काम मुनाफ़ाखोरी नहीं है।बयान में कहा गया है कि सरकार कहती है कि पेट्रोलियम के दाम अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत से तय होते हैं लेकिन कच्चे तेल की क़ीमत कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय से लगभग 40 प्रतिशत कम है लेकिन पेट्रोलियम के दाम कम ही नहीं होते. कांग्रेस यूपीए सरकार के समय 16 मई 2014 में जब कच्चा तेल 107.09 प्रति डॉलर बैरल था, तब पेट्रोल 71.41 रू. और डीजल 55.49 रू. में बिकता था। भाजपा मोदी सरकार में सितंबर 2018 को 73 रू. प्रति बैरल डॉलर है, तब पेट्रोल 79.51 रू. और डीजल 77 रू. हो गया है। मोदी सरकार आने के बाद मई 2014 के बाद पेट्रोल की एक्साईज ड्यूटी में 211.7 प्रतिशत की वृद्धि हो गयी। मई 2014 में कांग्रेस सरकार में एक्साईज ड्यूटी केवल 9.2 रू.प्रति लीटर थी, जबकि आज यह 19.48 रू. प्रति लीटर हो गई है। मई 2014 से डीजल पर एक्साईज ड्यूटी में 443.06 प्रतिशत की वृद्धि हो गयी। कांग्रेस सरकार के समय मई 2014 में एक्साईज ड्यूटी केवल 3.46 रू. प्रति लीटर थी और आज यह 15.33 रू. लीटर हो गई है। भाजपा सरकार के केन्द्र में सत्तासीन होने के बाद केंद्रीय एक्साईज ड्यूटी में 12 बार वृद्धि की गई है।इसी तरह एक 14.2 किलो के बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस के सिलिंडर का दाम, मई 2014 में 414 रू. था और 6 सितंबर 2018 को इसमा दाम 754 रू. प्रति सिलेंडर हो गया, जो मोदी सरकार के 52 महीनों में 340 रू. प्रति सिलेंडर की भारी बढ़ोत्तरी हैं। इसी तरह सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर के दाम 412 रू. प्रति सिलेंडर (मई 2014) से बढ़कर 496 प्रति सिलेंडर (सितंबर 2018) हो गये है, जो की मोदी सरकार के 52 महीनों में 84 रू. की बढ़ोत्तरी है।कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि दैनिक जरूरतो की वस्तुओ के बढ़ते हुये मूल्यों ने सभी भारतीयों का बजट बुरी तरह बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार जीडीपी बढ़ने का दावा कर रही है लेकिन जो बढ़ोत्तरी हो रही है वह गैस, डीजल व पेट्रोल के दामों की वजह से है। मोदी सरकार विचार ही नहीं कर रही है कि उसकी मुनाफाखोरी की नीति के कारण महंगाई बेतहाशा बढ़ गयी। देश की जनता इस ‘ईधन की लूट‘ के लिये मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगी और आगामी चुनावों में भाजपा को उचित जवाब देगी।