बेंगलुरु। भारत की महत्वकांक्षी परियोजना चंद्रयान -2 के विक्रम लैंडर से संपर्क की सारी उम्मीदे अब समाप्त हो गई है.आज चांद पर खत्म हो जाएगी ‘विक्रम’ की जिंदगी. चंद्रमा पर दिन ढलने के साथ ही शनिवार को रात का अंधेरा छा जाएगा और इसके साथ ही लैंडर का जीवन खत्म हो जाएगा। चंद्रमा की सतह पर लैंडर की जिंदगी सिर्फ एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) थी। हालांकि, इसरो की तरफ से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है।
लैंडर विक्रम और उसके गर्भ में छिपे रोवर प्रज्ञान से सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग से मात्र 2.1 किलोमीटर पहले ही संपर्क टूट गया था। तब से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) लगातार उससे संपर्क स्थापित करने की कोशिशों में जुटा था। लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन उसने हार्ड लैंडिंग की थी।
चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने उसका चंद्रमा की सतह पर पता भी लगा लिया था। ऑर्बिटर से मिली तस्वीरों से पता चला था कि हार्ड लैंडिंग के बाद विक्रम गलत दिशा में चंद्रमा की सतह पर पड़ा था, जिससे उससे सिग्नल नहीं मिल रहे थे।