रायपुर : खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री अमरजीत भगत ने छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि राईस मिलर्स राज्य सरकार के साथ-साथ प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण धुरी की तरह है। जो आम नागरिकों, किसानों और व्यापारियों के सहित समुचित विकास में सहभागी होते हैं। उक्त बाते आज राईस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम रायपुर के सिविल लाईन स्थित नवीन विश्राम भवन के सभा कक्ष मंे आयोजित थी।
कार्यक्रम में एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा कस्टम मिलिंग, परिवहन, हमाली, संग्रहण केन्द्रों की संख्या बढ़ाने सहित विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग पर श्री भगत ने एसोसिएशन की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने अरवा राईस मिलर्स जो 2 माह से कम चावल कस्टम मिलिंग किया हो, उन्हें मार्कफेड द्वारा पुनः परीक्षण कर प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए मार्कफेड को निर्देशित करने की घोषणा की। श्री भगत ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में राईस मिलर्स पर गुण-दोष के आधार पर ही पेनाल्टी लगायी जाने और अनुबंध अवधि बढ़ाने के लिए मार्कफेड को निर्देशित किए जाने की भी घोषणा की है।
श्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के किसानों को ऋण-मुक्त करने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए किसानों के धान को 2500 रूपए प्रति क्विंटल की मांग से खरीदा जा रहा है, साथ ही किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋण को माफ किया गया है। परिणाम स्वरूप देश में मंदी की हालात के बावजूद भी छत्तीसगढ़ मंे इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। प्रदेश मंे चाहे वह कृषि बाजार हो, कपड़ा बाजार हो, ज्वैलरी बाजार हो या ऑटोमोबाइल क्षेत्र हो इन सभी क्षेत्रों मंे बेहतर ग्रोथ हुआ है।
मंत्री श्री भगत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री बघेल और स्वयं छत्तीसगढ़ के किसानों, आमजनों और राईस मिलर्स के हित में केन्द्रीय स्तर पर विचार-विमर्श कर चुकी है। श्री भगत ने राईस मिलर्स को समय पर कस्टम मिलिंग करने, चावल जमा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सब मिलकर प्रदेश के विकास में सहभागी बने। इस मौके पर खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री कैलाश रूंगटा सहित प्रदेशभर से आए राईस मिलर्स पदाधिकारी बैठक मंे शामिल थे।