चीन के राष्ट्रपति भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक बैठक के लिए ऐतिहासिक शहर महाबलिपुरम पहुंच गए हैं। वुहान समिट के बाद यह दोनों नेताओं की दूसरी अनौपचारिक बैठक है। वुहान में चीन के राष्ट्रपति ने जिस तरह से पीएम मोदी का ग्रैंड वेलकम किया था, कुछ उसी तरह से चीनी राष्ट्रपति का महाबलिपुरम में स्वागत हो रहा है। शी के स्वागत के लिए महाबलिपुरम में अनोखा तोरणद्वार बनाया गया है, वहीं आज रात चीनी राष्ट्रपति दक्षिण भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठाएंगे।
इससे पहले चेन्नै एयरपोर्ट पहुंचे चीनी राष्ट्रपति का ढोल नगाड़ों और भरतनाट्यम से भव्य स्वागत किया गया। शी जिनपिंग ने भी इन कलाकारों का अभिवादन किया। शी जिनपिंग इसके बाद अपने होटल चले गए हैं। बताया जा रहा है कि होटल में कुछ देर आराम करने के बाद चीनी राष्ट्रपति चेन्नै से महाबलिपुरम के लिए रवाना होंगे जो यहां से 55 किमी दूर है। महाबलिपुरम में पीएम मोदी उनका स्वागत करेंगे। शाम करीब पांच बजे पीएम मोदी की शी चिनफिंग से बातचीत होगी।
दक्षिण भारतीय व्यंजनों का आनंद लेंगे चीनी राष्ट्रपति
अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति दक्षिण भारतीय व्यंजनों का जमकर लुत्फ उठाएंगे। पीएम मोदी ने शी के स्वागत में आज शाम विशेष डिनर का आयोजन किया है। डिनर के दौरान सभी तरह के दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसे जाएंगे। इसमें तक्कली रसम से लेकर अराचविट्टा सांभर, कदाली कुरुमा से लेकर कावनरसी हलवा शामिल होगा। चेत्तिनाद से लेकर कराईकुडी तक सभी तरह के क्षेत्रीय व्यंजन डिनर के दौरान पेश किए जाएंगे।
ममल्लापुरम में तीन स्मारकों का भ्रमण करेंगे चिनफिंग
ममल्लापुरम में चीनी राष्ट्रपति तीन स्मारकों का दौरा करेंगे। इसमें अर्जुन की तपस्यास्थली, पंच रथ और शोर मंदिर शामिल हैं। शोर मंदिर में सांस्कृतिक नृत्य देखने के बाद वह पीएम मोदी के साथ डिनर करेंगे। यह सांस्कृतिक नृत्य भारत के प्रसिद्ध सांस्कृतिक नृत्य समूह कलाक्षेत्र द्वारा पेश किया जाएघा जिसे मशहूर क्लासिकल डांसर और ऐक्टिविस्ट रुक्मणि देवी ने 1936 में गठित किया था।
18 फलों-सब्जियों से बनाया तोरणद्वार
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के स्वागत के लिए ममल्लापुरम में भी भव्य तैयारी की गई है। तोरणद्वार को सजाने के लिए अलग-अलग विभागों के तकरीबन 200 कर्मचारियों ने 10 घंटे तक मशक्कत की। भव्य द्वार की सजावट के लिए 18 प्रकार की सब्जियों और फल का इस्तेमाल किया गया है। खास बात यह है कि इन फलों और सब्जियों को राज्य के अलग-अलग हिस्सों से यहां लाया गया है।
शोर मंदिर के पास केले के पेड़ से सजावट
डिपार्टमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर के अडिशनल डायरेक्टर तमिलवेंदन का कहना है कि ज्यादातर सब्जियां ऑर्गैनिक हैं और इन्हें सीधे खेतों से यहां पहुंचाया गया है। इसके साथ-साथ मशहूर शोर मंदिर के पास पीएम मोदी और चिनफिंग के शानदार स्वागत के लिए पारंपरिक रूप से केले के पेड़ लगाए गए हैं। सजावट में लाल और सफेद रंग के गुलाब का भी इस्तेमाल हुआ है। शी के नौका विहार की भी योजना है।
Source: National Feed By RSS