और इसके पूर्व छात्र की कंपनी ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग की बारीकियों को सीखना आसान बना दिया है। इसके तहत ऐसे कोर्स लॉन्च किए जा रहे हैं, जिसकी पढ़ाई वीकेंड्स भी की जा सकेगी। कामकाजी लोग ये अतिरिक्त स्किल्स सीखकर की मौजूदा जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। इस साल दिल्ली-एनसीआर में 2 सेंटर के अलावा कानपुर और सोलन में एक-एक लोकेशन पर यह कोर्स किए जा सकेंगे।
लंबे समय से इंडस्ट्री की शिकायत रही है कि उन्हें ऐसे युवा नहीं मिलते, जो जरूरतों के मुताबिक तुरंत काम कर सकें। कॉलेज और इंडस्ट्री के बीच मौजूदा अंतर के कारण नौकरी पर रखने के बावजूद इन युवाओं को ट्रेनिंग देनी पड़ती है। इस हालात को समझते हुए इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्रालय ने आईआईटी कानपुर में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आईसीटी अकादमी को निर्देश दिए थे कि इंडस्ट्री और कॉलेजों के बीच दूरी कम करने के लिए नए कोर्स शुरू किए जाएं। अकादमी का उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और चंडीगढ़ पर विशेष फोकस है। आईआईटी कानपुर के ही पूर्व छात्र की कंपनी एल्गो-8 और आईआईटी मिलकर नई और उभरती तकनीक के लिए ईको-सिस्टम तैयार कर रहे हैं।
इस कोर्स के लिए ईआईसीटी के वेबसाइट पर हर शुक्रवार को एक ऑनलाइन एंट्रेंस टेस्ट होता है। परीक्षा में पास होने वालों को काउंसलिंग के लिए आईआईटी कानपुर बुलाया जाएगा। कोर्स चुनने के बाद वे अपने घर के पास की लोकेशन पढ़ाई के लिए तय कर सकेंगे। प्रफेसर अमय करकरे, प्रफेसर अर्णब भट्टाचार्य, प्रफेसर विजय नंबिदूरी और प्रफेसर शुभजीत रॉय भी इस कार्यक्रम में योगदान देंगे। कोर्स सफलतापूर्वक पास करने वालों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। प्रफेसर बीवी फणी ने कहा कि इस कोर्स का स्तर दुनिया में पढ़ाए जा रहे ऐसे दूसरे कोर्सों से बेहतर होना चाहिए।
आईआईटी कानपुर में ही अगस्त से तीन दिन का लॉन्च किया जाएगा। लोगों को एएआई सिखाने के लिए ट्रेनर बनने की ख्वाहिश रखने वाले लोग अपने तकनीकी कौशल को यहां निखार सकते हैं।
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