करीब 300 टन कूड़ा निकलता है अवैध कॉलोनियों से
नोएडा के यमुना विहार, शताब्दी विहार, हिंडन विहार, डूब क्षेत्र, सर्फाबाद, छिजारसी, याकूबपुर, भंगेल, सलारपुर, बहलोलपुर व अन्य कई इलाकों में तमाम बड़ी अवैध कॉलोनियां हैं। यहां से करीब 300 टन से भी ज्यादा कूड़ा हर रोज निकलने का अनुमान है। अगर इनका कूड़ा उठने का कोई सिस्टम अथॉरिटी नहीं बनाती है तो कैसे शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा किया जा सकता है।
अभी तक सड़कों पर फेंका जा रहा था, अब कहां जाएगा
अभी तक इन सभी कॉलोनियों का कूड़ा यहां की असोसिएशन उठवा रही थीं और उसे अथॉरिटी के डलावघरों पर फेंक दिया जाता था। अब सभी डलावघर बंद कर दिए गए हैं और 19 कॉम्पैक्ट स्टेशन बनाए गए हैं। यहां सिर्फ चिह्नित एजेंसी की गाड़ियां ही कूड़ा लेकर आती हैं। अवैध कॉलोनियों का कूड़ा कहां फेंका जाएगा और सेक्टर-145 के डंपिंग ग्राउंड तक कैसे जाएगा। यह अपने आप में बड़ा मुद्दा है।
कैसे साफ होगा शहर, जब नहीं उठेगा कूड़ा
नोएडा में 168 सेक्टर, 81 गांव, 90 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां हैं। इन अवैध कॉलोनियों के बसने के जिम्मेदार भी अथॉरिटी और जिला प्रशासन हैं। अगर अथॉरिटी इनका कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी नहीं ले रही तो वह कूड़ा कहां जाएगा। सिर्फ सेक्टरों व गांवों का कूड़ा उठाने से शहर को स्वच्छ बनाने का दावा नहीं किया जा सकता। अवैध कॉलोनियों का 300 टन कूड़ा अगर शहर में पड़ा रहेगा तो जाहिर है गंदगी जस की तस बनी रहेगी।
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