पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में से जुड़ी स्वयंसेविकाओं द्वारा विजयदशमी पर्व पखवारा के लिए व प्रदर्शन के साथ पथ संचलन का आयोजन किया गया। की राष्ट्र सेविका समिति ने इसके लिए शस्त्र पूजन कार्यक्रम शुक्रवार को किया था। इस पूजन के साथ प्रदर्शन व प्रशिक्षण सत्र का समापन सोमवार को हुआ।
के संकटमोचन इलाके में स्थित शीतला मंदिर के प्रांगण में आयोजित शस्त्र पूजन कार्यक्रम में भारी संख्या में स्वयंसेविकाओं की मौजूदगी रही। इसमें सभी को शस्त्र और शास्त्र के महत्व को बताया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शस्त्र पूजन से हुई, इसके पहले भगवा ध्वज फहराने के साथ प्रार्थना आयोजित की गई। मुख्य बौद्धिक वक्ता के तौर पर मौजूद माया पांडे ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमेशा से ही वीरता की पूजा करती रही है, असत्य पर सत्य की विजय, अधर्म पर धर्म की विजय के कारण ही हम सभी विजयादशमी का पर्व मनाते हैं, हमारी भारतीय संस्कृति में शस्त्र पूजन का बहुत महत्व रहा है।
माया पांडे ने कहा कि 12 वर्ष का वनवास एवं 1 वर्ष का अज्ञातवास समाप्त करने के पश्चात पांडवों ने भी इसीदिन शस्त्र धारण किया था, तब तक यह शस्त्र शमी वृक्ष में छिपाकर रखे गए थे। स्वयंसेविकाओं ने दंड, तलवार, छुरी के माध्यम से शस्त्र प्रदर्शन किया। दंड, तलवार, बंदूक, राइफल इत्यादि पर पुष्प और तिलक लगाकर पूजन संपन्न कराया गया। शस्त्र पूजन-प्रदर्शन् के बाद आरएसएस की स्वंयसेविकाओं ने शक्ति प्रदर्शन के लिए पथ संचलन निकाला। यह पथ संचलन शीतला मंदिर से संकटमोचन हनुमान मंदिर होते हुए बीएचयू में स्थापित मदन मोहन मालवीय की मूर्ति की परिक्रमा करते हुए कार्यक्रम स्थल पर जाकर संपन्न हुआ। राष्ट्र सेविका समिति की महानगर बौद्धिक प्रमुख पायल लक्ष्मी सोनी ने बताया कि स्कूल जाने वाली बच्चियों से लेकर बुजुर्ग स्वयंसेविकाओं तक ने शस्त्र पूजन, प्रशिक्षण, प्रदर्शन व पथ संचलन में हिस्सा लिया।
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