फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण होना ही चाहिए जबकि किसी भी दूसरी जगह पर विश्व स्तर की मस्जिद का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर मुसलमानों के पक्ष में भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आता है, तो इस दशा में भी देश में अमन और भाईचारे के लिए मुसलमानों को अपना दावा छोड़कर मंदिर निर्माण के लिए पहल करनी चाहिए। अपनी बात के समर्थन में उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म की शुरुआत अरब मुल्क से हुई और यह धर्म पूरी दुनिया से होते हुए हिन्दुस्तान पहुंचा।
अनवार अहमद ने दावा किया कि हम सबके हिंदू ही थे और भगवान राम हर के पूर्वज हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या ही भगवान राम की जन्मस्थली है और बाबर ने विवादित जगह पर बाबरी मस्जिद तामील कराई थी। अनवार अहमद ने यह भी कहा कि विवादित जगह पर नमाज जायज नहीं है। इसलिए कोई भी सच्चा मुसलमान दूसरों का हक मारने के बाद कब्जा की हुई जमीन पर नमाज अदा भी नहीं करना चाहेगा। जिस जमीन से सौ करोड़ से ज्यादा लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है, उसे असली लोगों के हाथों में वापस करना हमारी जिम्मेदारी है।
भारतीय सर्व समाज फाउंडेशन राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे प्रदेश में सद्भावना यात्रा निकाल रहा है। यह यात्रा प्रयागराज से शुरू हुई थी और पूरे प्रदेश में होते हुए वाराणसी में एक विशाल सभा के साथ इसका समापन किया जाएगा। इसके जरिए मुस्लिम समुदाय को राम मंदिर निर्माण की इस मुहिम से जोड़ा जाएगा। फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक एम.ए. खान ने भी राम मंदिर के लिए मुसलमानों से आगे आने की भावुक अपील की है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
Source: Uttarpradesh Feed By RSS