बुलंदशहरः मां-बाप ने गड्ढे में फेंका, एम्स में तीन साल की बच्ची को मिली नई जिंदगी

बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में गड्ढे में पड़ी मिली तीन साल की बच्ची को दिल्ली के एम्स में नई जिंदगी मिली है। बताया जाता है कि बच्ची के मां-बाप ने उसे 15-20 फीट गहरे गड्ढे में फेंक दिया था। इलाज के बाद बच्ची पूरी तरह से ठीक है। बुधवार को उसे किसी को सौंपा जा सकता है, ताकि सही तरीके से उसका पालन-पोषण किया जा सके।

हालांकि, मौत को मात दे देकर नई जिंदगी पाने वाली बच्ची अभी भी अपने मां-बाप की राह ताक रही है। उसे इंतजार है कि उसका परिवार उसे लेने के लिए आएगा। बच्ची के इलाज में जुटे डॉक्टर और नर्स भी उसे लेकर भावुक हैं। वे सभी बच्ची से इतना प्यार करने लगे हैं कि उसका नाम चिकी रख दिया है। चिकी भी एम्स ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर और नर्स से इतनी घुलमिल गई है कि उन सभी के साथ खेलती रहती है। बुधवार को उसे किसी एनजीओ को सौंपा जा सकता है, ताकि उसका पालन-पोषण हो सके।

एम्स के न्यूरोसर्जन डॉक्टर दीपक गुप्ता ने बताया कि 25 सितंबर को उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर लाया गया था। बुलंदशहर में 15 से 20 फीट के एक गड्डे में यह बच्ची पड़ी थी। उसे यहां पर पुलिस लेकर आई थी। उस समय बच्ची बेहोश थी, उसके सिर में फ्रैक्चर था, उसका हीमोग्लोबिन सिर्फ 6 था। ऐसा लग रहा था कि उसे जान बूझ कर फेंका गया हो। तीन साल की बच्ची का यह पहला मामला है, जिसे इस तरह से फेंक दिया गया हो।

डॉक्टर दीपक ने कहा कि हमने यहां उसका इलाज किया, वह ठीक हो गई है। लगातार इंप्रूव हो रही है। दाहिने तरफ सिर में चोट भी अब ठीक है। डॉक्टर दीपक का कहना है कि यह बहुत ही इमोशनल पल है। बच्ची इतनी प्यारी है कि हर किसी की चहेती बन गई है। वॉर्ड में चलती है, खेलती रहती है, कभी कंप्यूटर की बोर्ड से तो कभी किसी का मोबाइल से। सभी लोग उससे अटैच हो गए हैं।

25 सितंबर से लेकर अब तक वह यहां पर एडमिट है, लेकिन पुलिस उसके मां-बाप को नहीं ढूंढ पाई है। अब हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हमने एक एनजीओ से संपर्क किया है, उसे बुधवार को उस एनजीओ को सौंपा जा सकता है, ताकि उसकी बाकी की जिंदगी बेहतर हो सके।

Source: Uttarpradesh Feed By RSS