व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी और उनके ट्रस्ट के सचिव की खारिज हो गई है। खुर्शीद और उनके ट्रस्ट पर दिव्यांगजनों को उपकरण वितरण में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।
अपर जिला जज तृतीय के न्यायालय से बुधवार को खुर्शीद और उनके ट्रस्ट के सचिव की अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई। पिछले माह दी गई अग्रिम जमानत याचिका में उन्हें अंतरिम जमानत दी गई थी। इसी तरह के प्रकरण में इससे पहले उनकी अंतरिम जमानत याचिका बुलंदशहर और कासगंज से भी खारिज हो चुकी है।
मामले के मुताबिक, 24 मई 2017 को आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) लखनऊ के निरीक्षक रमाशंकर यादव ने क्वार्सी थाने में धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कायमगंज की पूर्व विधायक लुइस खुर्शीद की देखरेख में संचालित ट्रस्ट डॉ.जाकिर हुसैन मैमोरियल ट्रस्ट के प्रतिनिधि प्रत्युष शुक्ला को नामजद आरोपी बनाया गया था। मुकदमे में आरोप था कि वर्ष 2010 में केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय से प्राप्त अनुदान 71.50 लाख रुपये से ट्रस्ट ने अलीगढ़ सहित कई जिलों में कैंप लगाकर दिव्यांगजन को उपकरण वितरित किए थे। इसी क्रम में अलीगढ़ के मैरिस रोड पर 30 मई 2010 को कैंप लगाना दर्शाया गया।
रिपोर्ट पर अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर
नियम के अनुसार, कैंप के लाभार्थियों की संख्या के 10 प्रतिशत लोगों की चेक रिपोर्ट किसी प्रशासनिक अधिकारी और सीएमओ के हस्ताक्षर से केंद्रीय मंत्रालय को देनी थी, जिसमें अलीगढ़ के कैंप से जुड़े 24 लाभार्थियों की चेक रिपोर्ट वहां भेजी गई। इस पर अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय व सीएमओ अलीगढ़ के फर्जी हस्ताक्षर आरोपी प्रत्युष शुक्ला द्वारा किए गए थे। जांच में रिपोर्ट फर्जी पाए जाने पर गड़बड़ी उजागर हुई और केंद्र सरकार के निर्देश पर ईओडब्ल्यू से जांच कराई गई। जांच के दौरान ट्रस्ट की परियोजना निदेशक/कोषाध्यक्ष लुइस खुर्शीद और सचिव अतहर फारुकी उर्फ मोहम्मद अतहर के नाम बतौर आरोपी बढ़ाए गए।
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