अयोध्या मामले में फैसले को लेकर व बाबरी मस्जिद के पक्षकार व इससे जुड़े संगठन अपनी अगली रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। वीएचपी के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज को भरोसा है कि फैसला पक्ष में ही आएगा। साथ ही वह यह भी कहते हैं कि मंदिर का निर्माण आपसी भाईचारे के साथ शुरू हो। वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकार कहते हैं कि फैसला मस्जिद के पक्ष में आया तब भी रामलला को वहां से कौन हटाएगा। उस जगह को केवल घेराबंदी करके छोड़ दिया जाए, कभी मस्जिद न बनाई जाए।
वीएचपी नेता राजेंद्र सिंह कहते हैं, ‘हम चाहते है कि मंदिर का निर्माण आपसी भाईचारे के साथ शुरू हो जिसमें मुस्लिम समाज के लोगों को भी जुड़ने के लिए अपील की जाएगी। यह मंदिर प्रभु राम का मंदिर है जिनके अनुयाई समाज के हर वर्ग के लोग हैं। 70 साल के बाद प्रभु श्रीराम को टाट के मंदिर से मुक्ति मिलने वाली है। मंदिर निर्माण में कारसेवकों की भारी भीड़ केा नही बुलाया जाएगा। सब कुछ सामान्य माहौल में होगा।’
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इकबाल अंसारी बोले- होती रहे
जहां एक ओर मंदिर निर्माण को लेकर विहिप कैंप व साधू संतों में भारी उत्साह है। वहीं बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी कहते हैं, ‘मस्जिद के पक्ष में फैसला आने के बाद भी क्या रामलला को हटा कर मस्जिद बन सकेगी? (ऐसा होने पर) देश में अमन चैन बिगड़ेगा और हम नहीं चाहते कि देश भर में दंगा-फसाद से आपसी भाईचारे को नुकसान हो। वहां रामलला की पूजा हो रही है, यह पूजा होती रहेगी।’ पर साथ ही यह भी जोड़ देते हैं कि ‘यह मेरी निजी मंशा है।’
अंसारी ने बताया कि बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी ने मस्जिद निर्माण को लेकर फिलहाल कोई तैयारी नहीं की है। इस प्रकरण पर कोई बैठक व चर्चा भी नहीं हुई है। देश में अब इस विवाद के खत्म होने के बाद कोई और विवाद नही खड़ा होना चाहिए। अंसारी ने कहा, ‘फैसला आने के बाद मैं अब मस्जिद मामले को लेकर किसी कोर्ट में नहीं जाऊंगा।’
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वहां कभी मस्जिद नहीं बनेगी: हाजी महबूब
बाबरी मस्जिद के एक दूसरे पक्षकार हाजी महबूब का कहना है, ‘मेरी राय में मस्जिद के पक्ष में फैसला आने के बाद उस स्थल की घेराबंदी करके छोड़ दिया जाए। वहां कभी भी कोई मस्जिद का निर्माण न करवाया जाए। जब बाबरी मस्जिद का हक वहां बनेगा तो सरकार को वहां से रामलला को हटवाना पड़ेगा। पर इस सबके उपर मुल्क में अमन चैन व दोनों कौमों के बीच भाई चारा बना रहे, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है।’
Source: Uttarpradesh Feed By RSS