मिशन 2022: बीजेपी ठोक बजाकर करेगी कैंडिडेट का सिलेक्‍शन

शादाब रिजवी, मेरठ
भारतीय जनता पार्टी का उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के फौरन बाद 2022 के की तैयारी में जुटने का प्लान है। पार्टी का मानना है कि जनता से जुड़ने में कोई कसर ना छोड़ी जाए। विधानसभा क्षेत्र में दमदार, जनाधार वाला और टिकाऊ कैंडिडेट तलाशा जाए। इस बार कैंडिडेट सिलेक्‍शन में कई स्तर से नाम मांगेगा और परखने के बाद एक नाम फाइनल करेगा।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कैंडिडेट सिलेक्‍शन के लिए पार्टी की रणनीति 2017 से जुदा रहेगी मतलब बीजेपी पुरानी रणनीति पर चुनाव नहीं लड़ेगी। हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी लोकसभा चुनाव 2019 में मिली जीत और यूपी सरकार के पांच साल के काम को आधार बनाकर मैदान में उतरेगी। हालांकि पार्टी की यह नीति वेस्ट यूपी के मौजूदा बीजेपी विधायकों के लिए खतरा साबित हो सकती है। मुरादाबाद मंडल की सभी लोकसभा सीटें एसपी-बीएसपी ने जीती। बीजेपी के विधायक होने के बाद भी उनके क्षेत्रों में पार्टी हारी। मेरठ और सहारनपुर मंडल में कई विधानसभा सीटों पर विधायक होने के बाद भी बीजेपी फिसड्डी रही। ऐसे में नई नीति पर अगर सख्ती से अमल होता है तब ऐसे विधायकों को दोबारा टिकट मिलने में दिक्‍कत आ सकती है।

तीन स्तर से आठ नाम जुटाएगी पार्टी
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, 2022 के चुनाव में कैंडिडेट सिलेक्‍शन में बीजेपी हर विधानसभा सीट से करीब आठ नाम जुटाएगी जिसमें दो नाम जिलाध्यक्ष से मांगने का प्लान है। इसी तरह दो नाम सांसद से और चार नाम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिलों में तैनात प्रदेश और जिला पदाधिकारियों से लिए जाएंगे। इन नामों में से अव्वल और जिताऊ तलाशने के लिए पार्टी अपने स्तर से भी गुप्त सर्वे करा सकती है। पार्टी की तरफ से गठित गोपनीय कमिटी या किसी बाहरी एजेंसी से ऐसा करना संभव है।

इस कसौटी पर परखे जाएंगे दावेदार
संभावित कैंडिडेट का नाम फाइनल करने के लिए उनकी सार्वजनिक छवि कैसी है, इसके अलावा दावेदार का खुद का जनाधार और आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाएगा। जातीय समीकरण को भी साधा जाएगा। बताते हैं कि आठ में से अगर कोई दावेदार रसूखवाला है, लोगों की पसंद है, क्षेत्र में उसके जीत के समीकरण है, लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, तब उसके नाम पर मुहर लगाकर पार्टी चुनाव लड़ाएगी।

Source: Uttarpradesh Feed By RSS