सहारनपुर जिले के थाना सरसावा में गांव कुंडा निवासी पाकिस्तान निवासी बहुओं को लंबे समय बाद मिल ही गई। इस खुशी के मौके पर उनके और परिवारवालों की आंखों में आंसू आ गए। अब दोनों अपने को हिंदुस्तानी बहुएं मानकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त कर रही हैं। शुक्रवार देर शाम जैसे ही नसीमा और नसरीन को भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र मिला तो दोनों की खुशी का ठिकाना न रहा। दोनों शादी के बाद से ही दीर्घकालीन वीजा पर अपने ससुराल में रह रही थीं।
जानकारी के मुताबिक, गांव कुंडा निवासी नियायत अली 1988 में पाकिस्तान गए थे जहां उन्होंने शेखपुरा गांव मे रहने वाली नसरीन से निकाह कर लिया। 4 अप्रैल, 1988 को दोनों का निकाह हुआ। तीन माह तक नियामत पाकिस्तान मे ही रहे और फिर भारत अपने गांव लौट आए। उनके साथ उनकी पत्नी नसरीन बीबी चार महीने तक कुंडा गांव में रही और फिर वापस पाकिस्तान चली गई। पाकिस्तान मे पूरी जांच पड़ताल के बाद 1990 को फिर वह वापस अपने ससुराल कुंडा गांव आ गईं।
वोट डालने का नहीं था अधिकार
इसी तरह कुंडा निवासी सगीर अहमद ने भी पाकिस्तान के गुजरावा निवासी नसीमा बेगम से निकाह किया और वह भी निकाह के बाद भारत लौट आईं। दोनों बहुएं दीर्घकालीन वीजा पर भारत में रह रही थीं। नियामत ने बताया कि नसरीन को यहां की नागरिकता दिलाने के लिए पाकिस्तान राजदूत मुख्यालय और भारत के राजदूत मुख्यालय पर प्रपत्र भेज दिए गए थे। 30 साल तक यहां रहने के बावजूद नसरीन और नसीमा को वोट डालने का अधिकार नहीं मिला, ना ही ये लोग गांव छोड़कर कही जा सकते थे।
अब होगा अपना भारतीय पहचान पत्र
अभी तक उनकी कोई आईडी नहीं बन सकी लेकिन अब भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिलने के बाद उन्हें इस बात की खुशी है कि उनका भी सरकारी पहचान पत्र बन जाएगा। नसीमा और नसरीन का कहना है कि अब वे अपने बच्चों की शादी भी आसानी से कर सकेंगी। अभी तक नागरिकता को लेकर हम लोग अपने बच्चों की शादी के लिए भी चिंतित थे।
Source: Uttarpradesh Feed By RSS