सेक्टर 142 के कॉरपोरेट पार्क में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा हुआ है। सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने छापेमारी कर 4 लोगों को गिरफ्तार किया। नामी जॉब पोर्टल से बेरोजगारों का बायोडेटा खरीदकर की जा रही थी। इंडिगो, विस्तारा, गोएयर आदि में नौकरी का सपना दिखाया जाता। एनसीआर के बेरोजगार ठगों के निशाने पर थे। समेत अन्य सोशल मीडिया के जरिए नौकरी का प्रचार करते थे। ठगी के रुपये जमा कराने के लिए रिक्शेवालों के बैंक खातों को किराये पर लिया था। एसएसपी वैभव कृष्ण ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह खुलासा किया। चारों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।
एसएसपी ने बताया कि गैंग का सरगना सेक्टर 143 निवासी प्रवीण मिश्रा बीए (अंग्रेजी) पास है। उसने एमबीए से लेकर 12वीं तक के कई लोगों को अपने गैंग में रखा हुआ था। जॉब पोर्टल www.shine.com से बेरोजगारों के बायोडेटा खरीदते थे। अन्य 3 आरोपितों की पहचान सेक्टर 143 निवासी ऋषभ, शांतनु राज व फरीदाबाद (हरियाणा) निवासी अभिषेक पाल के तौर पर हुई है। सेक्टर 144 चौकी इंचार्ज रविंद्र गौतम को फर्जी कॉल सेंटर की सूचना मिली थी। इसके बाद कॉरपोरेट पार्क में छापेमारी कर 4 लोगों को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। मोबाइल से कॉल कर नामी कंपनियों में नौकरी के सपने दिखाए जाते थे।
प्रचार का था हाईटेक तरीका
पुलिस जांच में पता चला कि बेरोजगारों को फंसाने के लिए आरोपित हाईटेक तरीका अपनाते थे। नामी एयरलाइंस कंपनियों में नौकरी का विज्ञापन केवल सोशल मीडिया पर देते थे। फेसबुक, ट्विटर आदि के जरिए प्रचार कराते थे। ज्यादा फॉलोवर्स वाले फेसबुक पेज पर नौकरी का विज्ञापन शेयर कराते थे। कई बार पोस्ट को अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए फेसबुक को रुपये भी चुकाते थे।
4.40 लाख कैश व अन्य सामान मिले
एसएसपी ने बताया कि आरोपितों के पास से 4.40 लाख रुपये कैश, 2 लैपटॉप, 7 मोबाइल, कई डेबिट-क्रेडिट कार्ड, एक मुहर, प्रिंटर, ऑफिस एग्रीमेंट और अन्य सामान बरामद हुए हैं। चारों आरोपित कभी अपने बैंक खाते में ठगी के रुपये नहीं मंगाते थे। इसके लिए रिक्शेवालों के नाम से बैंक खाते खुलवा रखे थे। उनके डेबिट कार्ड अपने पास रखते थे। खाते में रुपये आते ही एटीएम से निकाल लेते थे।
नौकरी के नाम पर लेते थे 50 हजार
नौकरी के नाम पर 50 हजार रुपये तक वसूले जाते थे। पुलिस ने जब फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा तो एक आरोपित मोबाइल से चेन्नै के एक व्यक्ति से बात कर रहा था। उससे नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार की सौदेबाजी चल रही थी। रुपये ट्रांसफर करने के लिए चेन्नै के व्यक्ति को आरोपित ने बैंक खाता भी दे दिया था। इसी बीच पुलिस पहुंच गई और चेन्नै का व्यक्ति ठगे जाने से बच गया।
Source: Uttarpradesh Feed By RSS