रायपुर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में वायु प्रदूषण पर नजर रखने और नियंत्रण के लिए अपनायी जा रही राज्य सरकार के उपक्रम छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के साफ्टवेयर से मिल रहे नतीजों पर खुशी प्रकट की है। उन्होंने आज शाम यहां चिप्स कार्यालय में आयोजित शासी परिषद (गवर्निंग कौंसिल) की 14वीं बैठक में दी गई जानकारी का उल्लेख करते हुए कहा कि रायपुर शहर में वायु प्रदूषण के स्तर में लगभग दस गुना कमी आयी है। यहां हवा में प्रदूषण का सूचकांक 350 से घटकर 35 से 40 तक रह गया है, जो निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने इसके लिए चिप्स के साथ-साथ आवास एवं पर्यावरण विभाग के कार्यों की भी तारीफ की। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि चिप्स द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर से शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर की त्वरित रिपोर्टिंग हो रही है।
बैठक में प्रदेश के उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डे, स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, गृह और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन, सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एलेक्स पॉल मेनन और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में चिप्स द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ संचार क्रांति योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के शुरू होने के लगभग पौने दो माह के भीतर करीब 13 लाख महिलाओं को निःशुल्क स्मार्टफोन का वितरण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चिप्स की गवर्निंग बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन में सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को विभिन्न सुविधाएं पहुंचायी जाए। उन्होंने कहा कि रायपुर शहर में प्रदषण स्तर में काफी कमी आयी है। पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता के लिए आकाशवाणी, दूरदर्शन और अन्य टेलीविजन चैनलों में समाचारों के प्रसारण के प्रारंभ में प्रदूषण के स्तर की जानकारी दी जानी चाहिए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री के समक्ष चिप्स द्वारा संचालित परियोजनाओं पर एक प्रस्तुतिकरण भी दिया गया।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि संचार क्रांति योजना के तहत राज्य में अब तक 903 नए टावर लगाए जा चुके हैं। बैठक में भारत नेट परियोजना, वाई-फाई सिटी, शाला कोष, जन संवाद, शाला कोष सहित विभिन्न ई-गर्वनेंस परियोजनाओं की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार की डिजिटल सचिवालय योजना के तहत मंत्रालय (महानदी भवन) के कामकाज को अधिक सुगम, प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए आनलाइन पेपरलेस और लेस पेपर कार्य प्रणाली विकसित की गई है। मंत्रालय के विभिन्न विभागों में अब तक 2 लाख 61 हजार फाइलों के एक करोड़ 31 लाख पृष्ठों का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। इस परियोजना में मोबाइल एप विकसित किया गया है। वाई फाई सिटी योजना के तहत राज्य के महानदी भवन, इंद्रावती भवन, को वाई-फाई किया जा चुका है।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि रायपुर में छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, दुर्गा महाविद्यालय, नगर निगम और नगर निगम के गार्डन, अनुपम गार्डन मोतीबाग, गांधी उद्यान, विज्ञान महाविद्यालय, सेन्ट्रल पार्क, कलेक्टोरेट उद्यान, एवं तेलीबांधा तालाब, बुढ़ा तालाब गार्डन, डॉ.भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, अम्बिकापुर के संजय पार्क, राजेन्द्र पार्क, और दुर्ग को भी वाई -फाई किया जा चुका है। क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रकिंग नेटवर्क सिस्टिम के तहत कुल 266 थानों को स्टेट डाटा सेन्टर से जोड़ दिया गया है और अब तक दो लाख 9 हजार से अधिक एफ.आई.आर. दर्ज किए जा चुके हैं। लगभग 25 हजार पुलिस के जवानों को सूचना प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
बैठक में जानकारी दी गई कि चिप्स के माध्यम से विभिन्न विभागों की योजनाओं में हितग्राहियों के लिए संचालित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) परियोजना का भी संचालन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 84 केन्द्रीय तथा 77 राज्य शासन की योजनाओं के साथ ही 18 विभागाों की कल्याणकारी योजनाओं को चिन्हित किया गया है। इसके साथ ही राज्य के 9 विभागों की 20 योजनाओं को चिन्हित कर पायलट परियोजना के रूप में हितग्राहियों को सीधे लाभ का हस्तांतरण किया जा रहा है। सामान्य सेवा केन्द्रों के माध्यम से सामाज कल्याण विभाग के एक लाख 72 हजार हितग्राहियों के आधार प्रमाणीकरण किया जा चुका है। आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से 84 लाख हितग्राहियों को विभागीय डाटा बेस से हटाने पर सरकार के खजाने में लगभग 702 करोड़ रूपए की बचत हुई है। डी.बी.टी. भुगतानों के निर्बाध और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बैंकिंग संस्थाओं से माध्यम से फायनेंशियल गेटवे का लाभ प्रदान किया जा रहा है। राज्य की 12 सौ ग्राम पंचायतों में वाई -फाई चौपाल योजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। एकीकृत ई -प्रोक्योरमेंट परियोजना के तहत लगभग 46 विभागों के 127 हजार करोड़ रूपए की लगभग 74 हजार से अधिक निविदा प्रक्रियाओं का क्रियान्वयन किया जा चुका है। बस्तर नेट परियोजना के अंतर्गत 600 किलोमीटर डक्ट एवं 150 किलोमीटर आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य में आठ हजार सामान्य सुविधा केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। इन केन््रद्रों के माध्यम से बिजली बिल भुगतान की सुविधा दी जा रही है। लगभग 220 करोड़ रूपए का भुगतान 55 लाख उपभोक्ताओं से इन केन्द्रों के माध्यम से एकत्र किया जा चुका है। ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के तहत विभिन्न नागरिक सेवाएं दी जा रही है। लोक सेवा केन््रद्रों और ग्रामीण लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से लोक सेवा गारंटी में अधिसूचित सेवाओं सहित 126 सेवाएं दी जा रही है। सभी कलेक्टोरेट और तहसील कार्यालयों में कुल 175 लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना की गई है। योजना प्रारंभ से अब तक 85 लाख 81 हजार आवेदन प्राप्त हुए है।