कार्यशाला के दूसरे दिन ने पदाधिकारियों के सामने मास्टर प्लान का ऐलान किया, जिसमें उन्होंने हर कार्यकर्ता और पदाधिकारी की जवाबदेही तय करने की बात कही है। सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ अब सोशल वार के अलावा सड़क पर उतरकर आन्दोलन करने की रणनीति पर चर्चा हुई।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में महासचिव प्रियंका गांधी का फोकस पूरी तरह से महापुरुषों के नाम पर बीजेपी द्वारा राजनीतिक बयानबाजी का मुंहतोड़ जवाब देना मुख्य एजेंडा रहा। प्रशिक्षण में शामिल पदाधिकारी की माने तो कार्यशाला में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, भीमराव अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार पटेल, संत रैदास, कबीर समेत अन्य महापुरुषों के विचारों पर परिचर्चा की गई। उनके द्वारा बताए राजनीतिक दर्शनों और मार्गों का अनुसरण करने के गुर बताए गए। उन्होंने पदाधिकारियों से देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की और सुझाव मांगे।
चर्चा में बीजेपी की जनविरोधी आर्थिक नीतियों, जीएसटी के गलत क्रियान्वयन, नोटबंदी, कालाधन वापस लाने, आर्थिक मंदी के नुकसान जैसे मुद्दा पर विशेषज्ञों की राय ली और उसे प्रशिक्षण में शामिल करने को कहा। बेरोजगारी पर चर्चा भी प्रशिक्षण का मुख्य हिस्सा रहा। किसान समस्या और कानून व्यवस्था के साथ ही महिलाओं के साथ हो रहे अपराध पर सरकारी अनदेखी को लोगों के बीच में ले जाने के तरीकों पर विचार विमर्श किया गया।
Source: Uttarpradesh