भागते-दौड़ते हुए या अक्सर कोई भारी सामान उठाते वक्त अचानक से मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। कभी-कभी तो यह समस्या कुछ देर में सही हो जाती है। लेकिन दिक्कत तो तब हो जाती है जब ये समस्या लम्बी खींच जाती हैं। ऐसी स्थिति में दर्द और परेशानी होती है, जिससे राहत पाना जरूरी है।
क्यों होता है खिंचाव
पूरे शरीर में फैली मांसपेशियां शरीर की ताकत होती हैं। ये शरीर को मजबूती देने के साथ ही लचीलापन भी देती हैं। ऐसे में इनमें होने वाला खिंचाव पीड़ा के साथ ही बहुत बेचैनी भी पैदा कर देता है। मसल्स में खिंचाव का मतलब है मसल्स का जरूरत से ज्यादा खींच जाना या फट जाना। ऐसा तब होता है जब मांसपेशियों का अत्यधिक प्रयोग लगातार किया जाए, उन्हें बहुत थका दिया जाए या गलत तरीके से मसल्स का उपयोग किया जाए। मांसपेशियों के खिंचाव की समस्या यूं किसी भी मसल में हो सकती है लेकिन मुख्यतौर पर यह लोअर बैक, कंधे, गर्दन तथा घुटने के पीछे की मसल्स में ज्यादा होती है। सामान्य खिंचाव में घरेलू इलाज जैसे बर्फ की सिकाई, गर्म सिकाव या साधारण सूजन दूर करने वाली दवाओं से आराम हो सकता है लेकिन गंभीर खिंचाव के केसेस में उचित इलाज की जरूरत हो सकती है। गंभीर केसेस में कई बार छोटी ब्लड वेसल्स को भी नुकसान पहुंच सकता है।
ये होते है लक्षण
मसल्स के खिंचने पर तेज दर्द के साथ ही कुछ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं। इनमें शामिल हैं-
– सूजन
– यदि किसी खुली चोट की वजह से मसल्स फटी या टूटी हैं तो खुला घाव नजर आना।
– त्वचा का लाल हो जाना या नील पड़ जाना चलने-फिरने में कठिनाई आना।
– बेचैन करने वाला दर्द और आराम के दौरान भी दर्द का बने रहना।
– अकड़न महसूस होना मसल्स स्पाज्म यानी मांसपेशियों में ऐंठन कमजोरी महसूस होना।
आराम करें
आमतौर पर मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द होने पर सबसे पहले आराम की सलाह दी जाती है। कई बार ज्यादा मेहनत का काम कर लेने से भी मांसपेशियां खिंच जाती है जो कुछ दिन आराम करने से ठीक भी हो जाती है। लेकिन अगर कई दिनों तक आराम करने के बाद भी राहत न मिले तो डॉक्टर से परामर्श करें।
खिंचाव वाली जगह पर बर्फ लगाएं
जिन भी हिस्सों की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो, उस पर बर्फ की सेक करें। इसे दिन में कई बार दोहरा सकते हैं। केवल ये ध्यान दें कि एक बार में 15 मिनट से ज्यादा देर तक सेक न करें।
दवा लें
कई बार मांसपेशियों के खिंच जाने से प्रभावित हिस्से में सूजन आ जाती है। जिससे दर्द और बढ़ जाता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से सूजन कम करने की दवा ले जिससे दर्द में राहत मिलेगा।
नियमित स्ट्रेचिंग करें
अगर आप स्ट्रेचिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे तो मांसपेशियां ज्यादा मजबूत और लचीली बनेंगी। ऐसी मांसपेशियों में चोट लगने की संभावना कम रहेगी।
मांसपेशियों की थकान से बचें
आमतौर पर पहले से मजबूत और लचीली मांसपेशियों में चोट लगने की आशंका कम रहती है। अगर किसी की मांसपेशियां पहले से कमजोर और थकी हुई हो, तो ऐसे में उनके चोटिल होने की आशंका अधिक होती है। खिलाड़ियों को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए।
Source: National