शाह ने निशंक से कहा- निकालें JNU का हल

नई दिल्ली
गृह मंत्री ने मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में जारी विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की। मिली जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्री ने को इस मामले का त्वरित और स्वीकार्य समाधान निकालने के लिए कहा है। इस बीच, जेएनयू के नेत्रहीन छात्रों ने छात्रावास शुल्क वृद्धि का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज के खिलाफ बुधवार को दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

निशंक ने गृह मंत्री को बताया कि इस मामले को लेकर एक उच्चस्तरीय समिति गठित की जा चुकी है और उसने सभी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा भी शुरू कर दी है। जेएनयू प्रशासन ने हास्टल फीस और दूसरे शुल्कों को बढ़ा दिया है, जिसका वहां के छात्र काफी मुखरता से विरोध कर रहे हैं। उच्च स्तरीय समिति ने मंगलवार को डीन और छात्र संघों के सदस्यों से मुलाकात की और 22 नवंबर को वह छात्रों से मुलाकात करने के लिए जेएनयू कैंपस में जाएगी। इसके बाद वह अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी। जेएनयू के कुलपति ने अभी तक समिति से मुलाकात नहीं है। हालांकि एचआरडी मिनिस्ट्री उन पर ऐसा करने के लिए जोर डाल रही है, जिससे इस मुद्दे का समाधान निकाला जा सके।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘एचआरडी मंत्रालय की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने बुधवार को जेएनयू छात्रों से शास्त्री भवन में सौहार्दपूर्ण बैठक की और छात्रों के विचारों को जाना। मौजूदा मुद्दे का समाधान ढूंढ़ने के लिए वे शुक्रवार को जेएनयू परिसर में छात्रों से फिर मिलने पर सहमत हुए।’ अधिकारी ने कहा, ‘समिति ने छात्रों से परिसर में तत्काल सामान्य स्थिति बहाल करने की भी अपील की जिस पर छात्रों ने सकारात्मक जवाब दिया।’ बैठक जब चल रही थी, उस बीच जेएनयू के दृष्टि बाधित छात्रों ने छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के कथित लाठीचार्ज के विरोध में दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। जेएनयू के इन छात्रों ने दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी एवं पुलिस उपायुक्त (मध्य) मंदीप सिंह रंधावा से मुलाकात की और उन्हें सोमवार के प्रदर्शन के दौरान हुईं ‘लाठीचार्ज तथा मारपीट की घटनाओं से अवगत कराया।’ पिछले तीन सप्ताह से विश्वविद्यालय के छात्र शुल्क वृद्धि का विरोध कर रहे हैं।

एचआरडी मंत्रालय ने जेएनयू में सामान्य स्थिति बहाल करने के तरीके सुझाने के लिए सोमवार को तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष वी एस चौहान, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे और यूजीसी सचिव रजनीश जैन शामिल हैं। सहस्रबुद्धे ने कहा कि हमारी सौहार्दपूर्ण बैठक हुई। हमारी और बैठकें होंगी और यदि आवश्यक हो, तो जेएनयू भी जाऐंगे। एक बार जब हम सभी पक्षों को सुन लेंगे तो हम अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने में सक्षम होंगे। हालांकि, ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता है ताकि सामान्य स्थिति बहाल हो और हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। जेएनयू के कुल 34 छात्र काउंसिलर और छात्र संघ के चार पदाधिकारियों ने समिति के सदस्यों से मुलाकात की। दिन में बाद में समिति के सदस्यों ने विश्वविद्यालय के छात्रावास अध्यक्षों के साथ बैठकें की। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) ने हॉस्टल शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने की मांग की और कहा कि जब तक उच्चाधिकार प्राप्त समिति रिपोर्ट सौंपती है, तब तक शुल्क वृद्धि को निलंबित रखा जाए।

जेएनयू छात्रसंघ के सचिव सतीश चंद्र यादव ने कहा, ‘हमने मांग की है कि छात्रसंघ के बिना 28 अक्टूबर को हुई अंतर हॉल प्रशासन समिति की बैठक दोबारा की जाए और हमसे सुझाव लेने के बाद ही हॉस्टल नियमावली को पास किया जाए।’ उन्होंने कहा, ‘हमने यह बिंदु भी उठाया कि कुलपति हमसे नहीं मिल रहे हैं जिसकी वजह से स्थिति इस स्तर तक पहुंची है।’ जेएनयूएसयू ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हमारी मांग स्वीकार्य वार्ता प्रक्रिया के माध्यम से एक नई नियमावली की है। मौजूदा नियमावली में सकारात्मक कार्रवाई की बात नहीं है और यह हॉस्टल सीटों पर अनुसूचित जाति, जनजाति तथा दिव्यांग छात्रों को आरक्षण की गारंटी नहीं देती, जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते।’

Source: International