स्वयंभू बाबा पर बच्चों को कथित तौर पर अगवा करने का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि गुजरात के अहमदाबाद में अपना आश्रम चलाने के लिए स्वामी बच्चों को अगवा करके उन्हें बनाकर अनुयायियों से चंदा जुटाने के काम में लगा देते हैं। पुलिस ने दो महिला अनुयायियों- साध्वी प्राण प्रियानंद और प्रियातत्व रिद्धि किरण को भी गिरफ्तार किया है। दोनों पर कम से कम चार बच्चों को कथित तौर पर अगवा करने और उन्हें एक फ्लैट में बंधक बनाकर रखने का आरोप है।
आश्रम के लिए चंदा एकत्र करने के काम में इन बच्चों का इस्तेमाल बाल श्रमिक के तौर पर किया जा रहा था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक फ्लैट और योगिनी सर्वज्ञापीठम आश्रम से मुक्त कराए गए चार बच्चों के बयान पुलिस द्वारा दर्ज किए जाने के बाद इसी तरह के आरोपों पर नित्यानंद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि साध्वी प्राण प्रियानंद और प्रियातत्व रिद्धि किरण पर आश्रम चलाने की जिम्मेदारी है।
छुड़ाए गए बच्चों ने कहा- बाल मजदूर की तरह करा रहे थे काम
पुलिस ने बताया, ‘आश्रम के नौ और 10 साल के दो बच्चों ने हमें बताया कि उन्हें यातना दी जा रही थी और बाल श्रमिक के तौर पर उनसे काम करवाया जा रहा था। शहर के एक फ्लैट में उन्हें 10 से ज्यादा दिनों से बंधक बनाकर रखा गया था। इन आरोपों के बाद स्वामी नित्यानंद की दो अनुयायियों को गिरफ्तार कर लिया गया।’
पुलिस उपाधीक्षक (अहमदाबाद ग्रामीण) के. टी. कमरिया ने बताया कि अभिभावकों की ओर से दर्ज कराई गई एक शिकायत के आधार पर आश्रम से मुक्त कराए गए दो अन्य बच्चों ने इसी तरह के आरोप लगाए। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 365 (व्यक्ति को बंधक बनाकर रखने के लिए अगवा करना), 344 (10 या ज्यादा दिनों के लिए बंधक बनाकर रखना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 502 (मानहानिकारक विषय वाली मुद्रित सामग्री बेचना) के तहत मामला दर्ज किया गया है । पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाल श्रम (निषेध और नियमन) कानून 1986 की धारा 14 के अंतर्गत भी मामला दर्ज किया गया है।
बच्चों को बाल कल्याण समिति के हवाले किया गया
के. टी. कमरिया ने बताया, ‘फ्लैट से मुक्त कराए गएदो बच्चों को बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया है, जो उनसे पूछताछ कर रही है और उनके अभिभावकों के बारे में पता लगा रही है।’ मुक्त कराए गए बच्चों ने पुलिस को बताया कि उन्हें जबरन धार्मिक कार्यों में लगाया गया और प्रताड़ित किया गया। पुलिस उपाधीक्षक ने कहा, ‘अनुष्ठान संबंधी विभिन्न सामग्री साझा करके अपलोड करते हुए अनुयायियों से चंदा जुटाने के लिए आश्रम के काम में उन्हें लगाया गया।’
इससे पहले, दो बहनों के अभिभावकों ने आश्रम प्रशासन पर उन्हें बच्चों से नहीं मिलने देने के आरोप लगाए थे। कमरिया ने बताया कि बहनों को मुक्त करा लिया गया और उन्हें उनके अभिभावकों के हवाले कर दिया गया । बच्चियों के पिता जनार्दन शर्मा ने गुजरात में सोमवार को एक याचिका दायर कर दावा किया था कि उनकी बेटियों को अगवा कर दो हफ्ते से ज्यादा समय से बंधक बनाकर रखा गया है। इसके बाद आश्रम के संचालकों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
Source: International