राज्यसभा में गुरुवार को का मुद्दा उठा। हालांकि सरकार ने दावा किया कि पिछले 3 सालों में दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में से निपटने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव एयर प्लान बनाया गया है। इसके अलावा ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान शुरू किया गया है। जावडेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में हाई लेवल टास्क फोर्स बनाई गई है।नियमित तौर पर समीक्षा बैठकें की जा रही हैं। आइए बताते हैं
पर्यावरण मंत्री के जवाब की 10 बड़ी बातें-
1- जावडेकर ने दावा किया कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले 3 सालों में हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि 2016 में अच्छे और संतोषजनक श्रेणी के AQI वाले दिनों की संख्या 106 थी। यह सुधरकर 2017 में 152 और 2018 में 159 हो गई। इस साल के 324 दिनों में 175 दिन इस श्रेणी में हैं। खराब दिनों की संख्या भी गिरी है। 2016 में 246 से 2017 में 216 से इस साल 324 दिनों में से 190 दिन अच्छे या संतोषजनक श्रेणी के हैं।
2- स्टेट पलूशन कंट्रोल बोर्ड्स के साथ मिलकर नैशनल क्लीन एयर प्रोग्राम शुरू किया गया है। इसके लिए आईआईटी कानपुर को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
3- 28 शहरों को 10-10 करोड़ रुपये प्रदूषण से निपटने के लिए दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त वृक्षारोपण आदि कार्यक्रम भी चल रहे हैं।
4- अब हम बीएस-6 पर माइग्रेट कर रहे हैं जो वीइकल पलूशन को 80 प्रतिशत कम करेगा। अप्रैल 2020 से पूरे देश में लागू होगा।
5- ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की वजह से दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है। पहले रोज 60,000 ट्रक दिल्ली को प्रदूषित करते थे, अब ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से गुजरते हैं, जिससे प्रदूषण कम हुआ।
6- दिल्ली में 500 सीएनजी स्टेशन लगाए गए हैं…दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क अब 377 किलोमीटर हो चुका है। 274 मेट्रो स्टेशन हैं। 50 लाख यात्री हर रोज पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। इससे प्रदूषण पर लगाम में मदद मिल रही है।
7- इलेक्ट्रिक वीइकल को बढ़ावा देने के लिए हम सब्सिडी दे रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। हमने दिल्ली के 300 नई ई-बसें और डीएमआरसी के लिए 100 नई ई-बसों को मंजूरी दी है।
8- कोल पावर्ड थर्मल प्लांट पर लगाम। सख्त कदम उठाए हैं। बदरपुर थर्मल प्लांट बंद कर दिया गया है। दिल्ली की कुल 4,700 इंडस्ट्रियल यूनिट्स में से 2,600 को पीएनजी पर शिफ्ट किया गया है। नई यूनिट्स को एलपीजी पर लाया गया। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की नियमित निगरानी के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। 2800 ईंट भट्टों को जिगजैग टेक्नॉलजी में तब्दील किया गया है।
9- पंजाब, हरियाणा, यूपी और दिल्ली के 11500 करोड़ रुपये मंजूर, 50 हजार से ज्यादा मशीनें दी जा चुकी हैं। किसानों को उपकरण सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं। 46000 नई मशीनों की आपूर्ति कर रहे हैं। 2016, 17 की तुलना में 2018 में पराली जलाने में 15 से 41 प्रतिशत की कमी आई है।
10- प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में हाई लेवल टास्क फोर्स गठित की गई है। नियमित समीक्षा बैठकें हो रही हैं। ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान शुरू किया गया है।
Source: National