वेंगसरकर ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘किसी भी प्रशासक का अगर बैकग्राउंड क्रिकेट का है तो यह उसे सही फैसले लेने में मदद करेगा। वह शानदार क्रिकेटरर रहे हैं, इसलिए एक प्रशासक के तौर पर सही फैसले ले रहे हैं। भारत में पहला दिन-रात टेस्ट मैच उनके नेतृत्व में हो रहा तो यह उनकी उपलब्धियों में नया इजाफा है।’
भारत ने पहले दिन-रात टेस्ट मैच खेलने के लिए मना कर दिया था। पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भी भारत के सामने दिन-रात टेस्ट मैच खेलने का प्रस्ताव था लेकिन विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने इसके लिए हामी नहीं भरी थी।
गांगुली के बोर्ड का अध्यक्ष बनने के बाद से भारत ने इस ओर कदम बढ़ाए और अब भारत शुक्रवार से कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में अपना पहला दिन-रात का टेस्ट मैच खेलने जा रहा है जो बांग्लादेश के खिलाफ होगा। यह बांग्लादेश का भी पहला दिन-रात का टेस्ट मैच है। इसके भविष्य के बारे में वेंगसरकर ने कहा, ‘हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा। यह भारत के सबसे अच्छे मैदानों में से एक पर होगा। मैंने वहां अपना पहला शतक बनाया था। एक कप्तान के तौर पर भी मैंने वहां वेस्ट इंडीज के खिलाफ शतक बनाया था। वो मेरे पसंदीदा स्टेडियमों में से एक है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह सफल रहेगा। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि यह काफी लोगों को स्टेडियम में लेकर आएगा।’
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