अव्यवस्था भरे माहौल में हुआ गणपति विसर्जन

बिरसिंहपुर पाली -(तपस गुप्ता ) गणेशोत्सव पर्व के दौरान नगर में जगह जगह स्थापित किये गए प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन अव्यवस्था भरे माहौल के बीच किया गया। नगर के श्रद्धालुओं के द्वारा अपने अपने घरों में स्थापित किये गए भगवान गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन नगर पालिका के द्वारा बनवाये गए विसर्जन स्थल में हुआ वही प्रमुख स्थलों में विराजे गणेश जी की प्रतिमा स्थानीय डेम व जोहिला नदी के रपटा घाट में विसर्जन हुए।
*अव्यवस्था का माहौल*
नगर पालिका के द्वारा गंजरा नाला के समीप बनवाये गए विसर्जन स्थल में अव्यवस्था का माहौल नजर आया। यहाँ विसर्जन कुंड में बीते दिन भरवाये गए गंजरा नाला के दूषित पानी को नही बदला गया जिससे करीब आठ दस छोटे प्रतिमा यही विसर्जन किये गए। नगर के व्यापारी संघ पूर्व अध्यक्ष राम लालवानी ने कहा कि नगर पालिका की हठधर्मिता के कारण हम लोगो की आस्था को चोट पहुँची है यहाँ छोटे से गड्ढे में पानी भरवा दिया गया जिसमें मूर्ति विसर्जित की गई। लोग विसर्जित मूर्तियों में चढ़कर अपने मूर्तियों को विसर्जित किये जो सरासर गलत रहा। यह नगर पालिका की बहुत बड़ी कमी थी कि वह विसर्जन स्थल में पुख्ता इंतजाम नही कराये।
*डेम और जोहिला नदी में हुआ बड़े प्रतिमा का विसर्जन*
गौरतलब है नगर पालिका के द्वारा गंजरा नाला के समीप बनवाये गए विसर्जन कुंड में दूषित पानी भरवाने से बड़े प्रतिमाओं का विसर्जन यहाँ नही हुआ। रपटा और पॉवर प्लांट के डेम में विसर्जन करने गए गणेशोत्सव समितियों का कहना था कि नगर पालिका के द्वारा बनवाये गए विसर्जन कुंड की गहराई और चौड़ाई बहुत कम थी। नगर में स्थापित बड़ी मूर्तियां यहां विसर्जित नही होती इसलिए हम लोग डेम और रपटा घाट में मूर्ति विसर्जन किये। इन्होंने कहा कि नपा द्वारा विसर्जन स्थल में गंजरा नाला का  दूषित पानी भरवाना धार्मिक आस्था को चोट पहुचाने का काम किया है। एक तरफ बड़े श्रद्धा से हम लोग गणपति जी की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना करते है और जब विसर्जन का समय आता है तो गंदे पानी मे कैसे मूर्ति का विसर्जन कर दें यह आस्था से खिलवाड़ है।
*जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी*
नगर पालिका के द्वारा विसर्जन कुंड में जब गंजरा का दूषित पानी  भरवाया जा रहा था तभी से नगर के बुद्धजीवियों ने इसका विरोध करना आरंभ कर दिया था लेकिन  नगर पालिका के कुछ जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इन अव्यवस्था से वाकिफ होने के वावजूद अपनी जिद पर अड़े रहे और अंततः उस गंदे पानी को विसर्जन कुंड से नही हटवाया जो अब कई तरह के चर्चाओं को जन्म दे रहा है। ध्यान देने योग्य बात तो यह है कि इस बात की खबर सोशल मीडिया सहित समाचार पत्रों में भी प्रकाशित और प्रसारित हुई लेकिन नपा के हेकड़ी स्थापित करने वाले कुछ जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में चुप्पी साधते हुए यह बता दिया कि वह धार्मिक आस्था से ज्यादा अपने गुरुर को महत्व देते है। शायद इसी वजह से सब कुछ जानते हुए भी न तो कोई विसर्जन स्थल का निरीक्षण किया न ही कोई सार्थक पहल की। आयोजको और प्रबुद्धजनों का कहना था कि नपा के तथाकथित जनप्रतिनिधि इसका दुष्परिणाम जल्द ही देख लेंगे। बहरहाल इस मामले में जनप्रतिनिधियों ने यह सिद्ध कर दिया कि उनको अपने व्यक्तिगत जीवन से बढ़कर इन बातों से कोई सरोकार नही।
*इस अव्यवस्था की होगी शिकायत*
इस पूरे मामले में भाजपा के पूर्व मण्डल अध्यक्ष और विद्वान अधिवक्ता सुशांत सक्सेना का कहना था कि नगर पालिका के चुने हुए जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और नपा प्रशासन की हठधर्मिता के कारण लोग डेम और नदियों में मूर्तिया विसर्जन किये जो गलत हुआ। यदि नगर पालिका सही तरीके की व्यवस्था करती तो लोग डेम औऱ नदियों में नही जाते। मूर्ति विसर्जन के लिए एनजीटी के निर्देश है कि विसर्जन कुंड में मूर्ति विसर्जित की जाए पर ऐसा नही हुआ जिसकी शिकायत मैं खुद वरिष्ठ अधिकारियों को करूँगा। नगर पालिका के जिम्मेदारों की यह तानाशाही बर्दाश्त योग्य नही है।
*इनका कहना है*
मुझे इस बारे में जानकारी नही है लेकिन ये कैसे हो सकता है कि गंदे पानी मे गणपति जी का विसर्जन किया जाए। सीएमओ से  आग्रह करती हूं कि वह ध्यान दें।
*मीना सिंह विधायक*