प्रियंका का वार, SPG कवर हटाना राजनीति

नई दिल्ली
कांग्रेस नेता वाड्रा ने गांधी फैमिली को मिले एसपीजी सुरक्षा कवर को हटाने के सरकार के फैसले को राजनीति करार दिया है। प्रियंका ने कहा, ‘यह तो राजनीति है, होती रहती है।’ आपको बता दें कि हाल ही में गृह मंत्रालय ने सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष , पूर्व अध्यक्ष और महासचिव प्रियंका गांधी से एसपीजी सुरक्षा कवर वापस ले लिया था। अब इन्हें ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। इसके तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जिम्मे गांधी परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।

शाह, मनमोहन, अंबानी को भी CRPF दे रही सुरक्षा
अधिकारियों के मुताबिक नए सीआरपीएफ कवर में इन तीनों वीवीआईपी के लिए एक विशेष तंत्र बनाया गया है। इसके तहत कमांडो को उनके दौरे के स्थानों और क्षेत्र की पहले से जांच करने का अधिकार होगा। देश में नक्सल विरोधी अभियानों और आंतरिक सुरक्षा कार्यों के प्रमुख बल सीआरपीएफ के पास लगभग 52 अन्य वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी शामिल हैं।

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उधर, कांग्रेस की युवा इकाई के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के फैसले खिलाफ सड़कों पर भी विरोध प्रदर्शन किया था। दिल्ली समेत देश के कई शहरों में सरकार के इस फैसले पर विरोध जताया गया। संसद के शीतकालीन सत्र में भी यह मुद्दा गूंजा। कांग्रेस नेताओं ने गांधी परिवार को फिर से एसपीजी सुरक्षा कवर दिए जाने की मांग की है।

राजीव की हत्या के बाद से गांधी परिवार को SPG कवर
इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिवार की एसपीजी सुरक्षा वापस लेकर उन्हें सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्रदान की थी। गांधी परिवार को 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद लगभग 28 साल से एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी। उन्हें 1991 में एसपीजी अधिनियम-1988 में संशोधन कर वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था। इस समय केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है।

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समझिए, क्या बदल जाएगा
सीआरपीएफ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से राज्य और केंद्रशासित क्षेत्र की सरकारों को पत्र लिखकर बताया है कि केंद्र सरकार के निर्णय के बाद नए प्रोटोकॉल लागू हो गए हैं। राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को सूचित किया गया है कि गांधी परिवार को अडवांस्ड सिक्यॉरिटी लायजन (ASL) प्रोटोकॉल भी दिया गया है और इसकी सुरक्षा हासिल करने वाले पांच नए सदस्यों -सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका, मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर के किसी आधिकारिक या निजी दौरे पर उनके क्षेत्रों में जाने से पहले उनके खुफिया, पुलिस और प्रशासनिक मशीनरी की जरूरत पड़ेगी।

गौरतलब है कि सिंह दंपती की एसपीजी सुरक्षा सरकार ने अगस्त में वापस ले ली थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘उन्हें सभी प्रशासनिक और पुलिस सहयोग के साथ मार्ग योजना और यात्रा मैप दिए जाने की जरूरत होगी। सीआरपीएफ अब वही करेगी जो एसपीजी करती थी।’ अधिकारियों ने बताया कि इन ‘येलो बुक’ प्रक्रिया के बारे में राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों को सूचित कर दिया गया है और इस कार्य को अंजाम देने के लिए देश में सीआरपीएफ के सभी 28 वीवीआईपी सुरक्षा आधार शिविरों का इस्तेमाल किया जाएगा। सीआरपीएफ को गांधी परिवार और सिंह दंपती के लिए एसपीजी के बुलेट प्रूफ वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है।

(भाषा के इनपुट के साथ)

Source: National