सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे फिरोजशाह कोटला में डीडीसीए पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद गार्ड से कमरे की चाभी मांगी लेकिन गार्ड ने ऐसा करने से इनकार किया। इसके बाद चोपड़ा कुछ पुलिसकर्मियों के साथ ऑफिस पहुंचे और गार्ड से चाभी ले ली। इसके बाद वह डीडीसीए के अपने ऑफिस रूम में बैठ गए। जब नवभारत टाइम्स ने इस बारे में उनसे बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कॉल नहीं उठाया।
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इस बारे में डीसीपी सेंट्रल जोन एमएस रंधावा से जब एनबीटी ने सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘डीडीसीए में इन लोगों का कुछ मसला चल रहा है। इसको लेकर सीईओ ने हमसे फोन पर सुरक्षा मांगी थी, जिसके बाद हमने कुछ पुलिसर्मियों को भेजा है।’ जब उनसे इसे लेकर लिखित आवेदन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि एसएचओ से पता करने के बाद ही वह कुछ बता पाएंगे।
डीडीसीए के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा ने कहा, ‘जब उन्होंने (चोपड़ा) अपना इस्तीफा दे दिया है और एपेक्स काउंसिल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया तो कैसे वह ऑफिस में बैठ सकते हैं। पुलिसकर्मियों को साथ लाकर, गार्ड को धमकाकर उन्होंने ऐसा किया। यह गलत है।’
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