शपथ के खिलाफ SC में कांग्रेस, NCP, शिवसेना

नई दिल्ली
महाराष्ट्र की राजनीति में बीते एक महीने से चल रही उठापटक थमने की बजाय लगातार बढ़ रही है। सरकार गठन पर मचा ड्रामा अब सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर जा पहुंचा है। शनिवार को सुबह अचानक देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और एनसीपी के नेता अजित पवार ने डेप्युटी सीएम की शपथ ली थी और अब शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है, लेकिन अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है।

तीनों दलों ने गवर्नर की ओर से बीजेपी और अजित पवार को सरकार बनाने को न्यौता दिए जाने को असंवैधानिक बताया है। इसके साथ ही तीनों दलों ने इस शपथ को रद्द किए जाने की भी मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि तीनों पार्टियों की ओर से याचिका दायर कर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की शपथ को चुनौती दी गई है। उन्होंने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट से इस मसले पर बेंच गठित कर रात में ही तत्काल सुनवाई की मांग की है।

शपथ ग्रहण के आदेश को निरस्त करने की मांग
संविधान के अनुच्छेद 14 और 32 के तहत याचिका दाखिल कर राज्यपाल द्वारा देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता देने के फैसले को निरस्त करने की मांग की गई है और इसके अलावा यह मांग भी की गई है कि राज्यपाल को निर्देश दिए जाएं कि वह शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता दें,क्योंकि उनके पास बहुमत है।

शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस को मिले न्योता
इसमें कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता शिवसेना दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जिसके पास 56 सीटें हैं, दूसरी याचिकाकर्ता एनसीपी के पार 54 सीटें हैं और तीसरी याचिकाकर्ता कांग्रेस के पास44 सीटें हैं। याचिकाकर्ता राज्यपाल के मनमाने और दुर्भावनापूर्ण तरीके से उठाए गए कदम के खिलाफ तत्काल राहत दिलाने के लिए अनुच्छेद 32 के तहत रिट पिटीशन डालने को विवश होना पड़ा।’ इस याचिका में गृह मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को प्रतिवादी बनाया गया है।

बैठकों का दौर जारी
उल्लेखनीय है कि सरकार बनाने के लिए तैयार दिख रहा शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन उस वक्त हैरान रह गया जब सुबह उन्हें देवेंद्र फडणवीस के बतौर सीएम शपथ लेने की जानकारी मिली। इस शपथ ग्रहण से मीडिया को दूर रखा गया था जिसको लेकर भी विपक्षी सवाल उठा रहे हैं। डेप्युटी सीएम बने अजित पवार, एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे हैं। शरद ने अजित के कदम को निजी फैसला बताया है और कहा है कि एनसीपी उनका समर्थन नहीं करेगी। वहीं, अगले कदम को लेकर विपक्षी पार्टियों के बैठक का दौर जारी है।

उधर, इस पूरे घटनाक्रम से बौखलाई कांग्रेस ने शपथ ग्रहण को कानूनी और राजनीतिक रूप से चुनौती देने की बात मीडिया ब्रीफिंग में कही थी। कांग्रेस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी ने लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने में बेशर्मी की अपनी सारी हदें पार कर दी हैं।

Source: National