बीते 12 साल, नहीं मिले सीरियल ब्‍लास्‍ट किलर

विकास पाठक, वाराणसी
वाराणसी की कचहरी में बारह साल पहले हुए सीरियल ब्‍लास्‍ट का जख्‍म शनिवार को एक बार फिर हरा हो गया। 23 नवंबर की ही तारीख को आतंकियों के नापाक इरादों ने कई लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। दो सिलसिलेवार बम धमाकों में अधिवक्‍ता भोला सिंह, बुधिराज वर्मा और ब्रम्‍हदेव समेत नौ लोगों की जान गई थी ओर चार दर्जन लोग घायल हो गए थे। बारह साल का लंबा समय बीतने के बाद भी जांच न तो किसी निष्‍कर्ष पर पहुंच सकी और न ही आरो‍पी चिह्नित हो सके हैं।

सीरियल ब्‍लास्‍ट का खौफनाम मंजर आज भी लोगों के जेहन में जिंदा होने से ब्‍लास्‍ट की 12वीं बरसी पर शनिवार को कचहरी का माहौल आम दिनों से अलग दिखाई पड़ा। वकील हों या वादकारी, चाय-पान की दुकान, कैंटीन-स्‍टैंड चलाने वाले भी गम में डूबे रहे। वकील न्‍यायिक कार्य से विरत रहे। सेंट्रल और वाराणसी बार में हादसे में मारे गए साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वकीलों संग जजों ने दीवानी कलेक्‍ट्रेट कचहरी के उस स्‍थान पर पहुंच कैंडल जलाई, जहां आतंकियों ने ब्‍लास्‍ट किया था। अब भी यहां की दीवारों पर छर्रे के निशान और पेड़ गवाह हैं, जिसका कुछ हिस्‍सा उड़ गया था। बार के पदाधिकारियों ने 12 साल बाद भी घटना का खुलासा न हो पाने पर इसकी जांच सीबीआई और एनआईए से संयुक्‍त रूप से कराने की मांग की।

नहीं लागू हुआ सिक्यॉरिटी प्लान
सीरियल ब्‍लास्‍ट के बाद से अब तक कचहरी में सुरक्षा को लेकर कई बार प्‍लान बना, लेकिन अमल नहीं हुआ। पूरे कैंपस में हाई डिफिनिशन सीसीटीवी कैमरे और सभी गेट पर डीएफएमडी लगाने संग सुरक्षाकर्मियों की संख्‍या बढ़ाने का प्रस्‍ताव था। कहीं कुछ न होने के चलते ही 23 अप्रैल 2016 को भी कचहरी परिसर में ग्रेनेड मिला था। इसके बाद अब तक प्रशासन चेता नहीं है। बनारस बार के पूर्व महामंत्री की अगुवाई में वकीलों ने जिला जज उमेश चंद्र शर्मा को प्रत्‍यावेदन देकर कचहरी की सुरक्षा में सीआईएसएफ लगाने की मांग की है।

4 मिनट के अंतर पर धमाके
23 नवम्‍बर 2007 को पहला धमाका दोपहर 1.20 बजे कलेक्‍ट्रेट के दीवानी भवन के बाहर वकीलों की चौकी के पास हुआ था।
दूसरा धमका 1.24 बजे फौजदारी हवालात के बाहर हुआ था।
साइकल पर रखा गया था हाई एक्‍सप्‍लोसिव और टाइमर।
धमाकों के समय कचहरी के बाहर बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और वर्तमान में मध्‍य प्रदेश के राज्‍यपाल लालजी टंडन बढ़ते अपराध के खिलाफ धरने पर बैठे थे।
सूबे के मुख्‍य सचिव प्रशांत कुमार ठीक बगल में स्थित सर्किट हाउस में मौजूद रहे।
एडीजे कोर्ट में उस समय अवधेश राय हत्‍याकांड में आरोपित माफिया डॉन मुख्‍तार अंसारी के मामले की सुनवाई चल रही थी।

Source: National