श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ काम करेगा और वह ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे उसके हितों को नुकसान पहुंचे। राजपक्षे ने इस सप्ताह के अंत में भारत की अपनी यात्रा से पहले कहा कि वह चाहते है कि श्रीलंका एक ‘तटस्थ देश’ बने और सभी देशों के साथ मिलकर काम करे।
गोटबाया ने कहा, ‘हम भारत के साथ एक मित्र राष्ट्र के रूप में काम करेंगे और ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे भारत के हितों को नुकसान पहुंचे।’ राजपक्षे 29 नवम्बर को श्रीलंकाई राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के रूप में भारत की यात्रा पर जाएंगे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ‘हम एक तटस्थ देश बनना चाहते हैं।’
पिछले सप्ताह श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले राजपक्षे ने कहा, ‘हम महाशक्तियों के शक्ति संघर्षों में नहीं पड़ना चाहते है… हम इतने छोटे हैं कि हम इन कृत्यो में पड़कर खुद को बनाए नहीं रख सकते हैं।’
राजपक्षे ने कहा कि हम भारत और चीन दोनों से करीबी संबंध चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सभी देशों के साथ काम करना चाहते हैं और हम ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहते हैं जो किसी मामले में किसी अन्य देश को नुकसान पहुंचाए। हम भारत की चिंताओं को समझते हैं, इसलिए हम किसी भी उस गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते हैं जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो।’
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