महाराष्ट्र की सियासत के लिए आज का दिन अहम है। सुप्रीम कोर्ट बहुमत परीक्षण को लेकर थोड़ी देर में फैसला सुनाने वाला है। इस बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लेख के जरिए बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। शिवसेना ने बीजेपी पर ऑपरेशन लोटस का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। इसके साथ ही सामना के संपादकीय में एनसीपी चीफ शरद पवार की जमकर तारीफ की गई है। शिवसेना ने लेख के जरिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर तंज कसा है वहीं शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट करते हुए 162 से ज्यादा विधायकों के समर्थन की बात कही है।
‘बहुमत था तो ऑपरेशन लोटस क्यों?’
सामना में बीजेपी पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए लिखा है, ‘फडणवीस के पास बहुमत था तो बहुमत का आंकड़ा बनाने के लिए नई चांडाल चौकड़ी वाले ऑपरेशन लोटस की क्या जरूरत थी? उस चौकड़ी का एक सदस्य तो सीधे कहता है, बाजार में विधायक खुद को बेचने के लिए तैयार हैं। यह थैलीशाही की ही राजनीति है। यह चौकड़ी पैसों का बैग लेकर घूम रही है। चाहे जितनी भी फिक्सिंग हो जाए, सत्यमेव जयते के घोषवाक्य की हार जुआरी नहीं कर सकते। जब बहुमत सिद्ध होगा तब सत्य की जीत का आनंद महाराष्ट्र के 105 शहीदों को होगा। राज्य की जनता से हम सिर्फ इतना ही कहना चाहते हैं कि चिंता न करें!’
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सामना में गवर्नर कोश्यारी पर तंज
गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी पर भी सामना में तंज कसा गया है। लेख में कहा गया है, ‘एक भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया था, यह तो हम जानते हैं। वहीं दूसरे भगत सिंह के हस्ताक्षर से रात के अंधेरे में लोकतंत्र और आजादी को वध स्तंभ पर चढ़ा दिया गया। महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ उसे चाणक्य-चतुराई या कोश्यारी साहेब की होशियारी कहना भूल होगी। विधायकों का अपहरण करना और उन्हें दूसरे राज्य में ले जाकर कैद रखना ये कैसी चाणक्य नीति है?’
राउत का ट्वीट- इंतजार कीजिए…
शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘162 और उससे भी ज्यादा। इंतजार कीजिए और देखते रहिए।’ बता दें कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सोमवार शाम को हयात रीजेंसी होटल में विधायकों की परेड कराई थी। तीनों पार्टियों का दावा है कि इसमें 162 विधायक मौजूद थे।
‘अजित पवार का सारा खेल खत्म’
सामना के लेख में शरद पवार की तारीफ और अजित पवार पर वार किया गया है। संपादकीय में लिखा है, ‘अजित पवार का सारा खेल खत्म हो गया। अगर तुम शरद पवार के भतीजे के रूप में घूमते हो तो पहले बारामती से, विधायक पद से और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देकर तुम्हें अपनी अलग राजनीति करनी चाहिए थी। लेकिन जो कुछ चाचा ने कमाया उसे चोरी करके मैं नेता, मेरी पार्टी कहना पागलपन की हद है।’
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’50 साल संसदीय राजनीति में टिके रहना आसान नहीं’
एनसीपी चीफ की तारीख करते हुए सामना में लिखा गया है, ‘शरद पवार ने दो बार कांग्रेस छोड़ी और बड़ी हिम्मत के साथ अपनी नई पार्टी खड़ी की। 50 सालों तक संसदीय राजनीति में टिके रहना आसान नहीं है। कई गर्मियां-बरसात और तूफान झेलकर वह खड़े रहे। लेकिन बीजेपी द्वारा मुकदमा दायर करते ही और ईडी के नाम पर ब्लैकमेल करते ही अजित पवार ने शरद पवार की राजनीतिक एस्टेट में सेंध लगा दी और वहां का माल चुराकर वे बीजेपी के खेमे में चले गए।’
‘महाराष्ट्र के स्वाभिमान-प्रतिष्ठा का बाजार लगाया’
शिवसेना ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए सामना में लिखा है, ‘सत्तांधों ने महाराष्ट्र के स्वाभिमान और प्रतिष्ठा का बाजार लगा रखा है। ऐसे लोग जिनका महाराष्ट्र से किसी भी प्रकार का भावनात्मक संबंध नहीं है, वे लोग शिवराय (छत्रपति शिवाजी) के महाराष्ट्र की इज्जत धूल में मिला सकते हैं। महाराष्ट्र के गठन और निर्माण में इन लोगों ने खून तो छोड़ो पसीने की एक भी बूंद नहीं बहाई होगी, ऐसे लोगों ने यह राजनीतिक घोटाला किया है।’
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सामना में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता नितिन गडकरी को भी निशाने पर लिया गया है। क्रिकेट वाले बयान का जिक्र करते हुए लेख में कहा गया है, ‘गडकरी एक अच्छे राजनीतिज्ञ हैं, ऐसा समझा जाता था, यह भी गलत साबित हुआ। इस पूरे मामले को उन्होंने क्रिकेट के खेल जैसा बताया। हम भी उनसे कहते हैं कि अपनी सेहत का ध्यान रखो।’
Source: National