रेवाड़ी के एक ऐडवोकेट की महेंद्रगढ़ की पुलिसवाली से शादी कई गांवों में मिसाल बन गई है। दुल्हे ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कागज से बने कार्ड की जगह रुमाल पर शादी का निमंत्रण छपवाया। वहीं, पुलिसवाली दुल्हन के पिता ने सभी बरातियों को दहेज में 201 पौधे भेंट किए। इस शादी की खास बात यह भी रही कि इसमें दहेज के नाम पर बस एक रुपया व नारियल लिया गया। साथ ही यहां पटाखे फोड़ना व ड्रिंक करना भी अलाउड नहीं था। शादी के बाद नव दंपती ने 21 पौधे लगाकर नए जीवन की शुरुआत की।
रीयूजेबल रुमाल बना शादी कार्ड, शगुन में लिया सिर्फ 1 रुपया
जिला के गांव शहबाजपुर खालसा निवासी ऐडवोकेट परीक्षित यादव की शादी 23 नवंबर को महेन्द्रगढ़ के गांव चंदपुरा की रहने वाली अलका यादव से हुई है। वह फिलहाल दिल्ली में पुलिस की नौकरी करती हैं। इस दहेज रहित शादी में मात्र नारियल और एक रुपये का शगुन लिया गया। शादी से पहले परीक्षित यादव ने कागज के शादी कार्ड के बजाय रुमाल पर शादी का निमंत्रण छपवाकर रिश्तेदारों व दोस्तों को बांटे। रुमाल पर छपे इस निमंत्रण की खास बात यह है कि एक बार धोने के बाद इस रुमाल को यूज भी किया जा सकता है। इससे न केवल कागजों की बचत हुई, बल्कि शादी के कार्ड की तरह इधर-उधर भी ये नहीं पड़े रहेंगे।
किसी ने नहीं छोड़े पटाखे
परीक्षित ने बताया कि शादी में दोस्तों ने एक भी पटाखा नहीं फोड़ा। न ही किसी भी बराती को किसी प्रकार का नशा करने की अनुमति थी। स्टेज पर आशीर्वाद के दौरान सभी को पौधे देकर सम्मानित किया गया। उनके ससुर तेजप्रकाश यादव ने 201 पौधे भेंट स्वरूप वितरित किए। बारातियों ने ये सभी पौधे अपने-अपने घरों में लगाए हैं। शादी के बाद नवदंपती ने भी अपने नए जीवन की शुरुआत में 21 पौधे रोपित कर की है।
Source: National