पर्यटन के माध्यम से संस्कृति की सुरक्षा का संदेश

रायपुर। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा विश्व पर्यटन दिवस समारोह-2018 का आयोजन किया गया। इस समारोह में विद्यार्थियों ने देश व राज्य की संस्कृति और पर्यटन को मॉडल व पेंटिंग के माध्यम से दशार्या। अतिथियों ने पर्यटन के माध्यम से संस्कृति की सुरक्षा का संदेश दिया एवं पर्यटन के क्षेत्र में विद्यार्थियों को रोजगार के अवसरों से अवगत कराया।
मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर विभाग द्वारा समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समारोह की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य

पर्यटन मंडल की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शुभदा चतुर्वेदी ने देश व राज्य में पर्यटन की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पर्यटन अपने आप में एक सम्पूर्ण विषय है जिससे सामान्य ज्ञान भी बढ़ता है। प्रतिवर्ष पर्यटन की एक थीम होती है और इस वर्ष पर्यटन की थीम है पर्यटन एवं संस्कृति का संरक्षण। पर्यटन के माध्यम से संस्कृति का संरक्षण मुख्य उद्देश्य है। अपनी संस्कृति की सुरक्षा करते हुए हम पर्यटन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने वैश्विक स्तर पर पर्यटन से अवगत कराते हुए भारत एवं छत्तीसगढ़ में पर्यटन की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा विद्यार्थियों को अनेक महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया। इस अवसर पर मैट्स विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा ने कहा कि देश व राज्य में नैसर्गिक रूप से पर्यटन की अनेक संभावनाएँ हैं। पर्यटन के माध्यम सामाजिक-आर्थिक विकास होता है और इस क्षेत्र में विद्यार्थियों के कैरियर की भी अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को विश्व पर्यटन दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए हिन्दी विभाग के इस कार्यक्रम की सराहना की।


विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार श्री अनिल पुसदकर ने राज्य के अनेक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को पर्यटन में रोजगार के अवसरों से अवगत कराया। इसके पूर्व स्वागत भाषण में विभागाध्यक्ष हिन्दी डॉ. रेशमा अंसारी ने कहा कि पर्यटन सिर्फ हमारे जीवन में खुशियों के पल को वापस लाने में ही मदद नहीं करता है बल्कि यह किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत एवं छत्तीसगढ़ राज्य के लिये पर्यटन का विशेष महत्व है। हमारी पुरातात्विक विरासत राजस्व प्राप्ति का भी स्रोत है और साथ ही पर्यटन क्षेत्रों से कई लोगों की रोजी-रोटी भी जुड़ी होती है। ऐसे विभिन्न विषयों के मद्देनजर हिन्दी विभाग द्वारा पिछले 6 वर्ष से बी.ए. (ऑनस) हिन्दी पत्रकारिता एवं पर्यटन का पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है जिसमें अनेक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। आज इन्ही विद्यार्थियों द्वारा विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता रहा है और अनेक विद्यार्थियों ने देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति को अपने पर्यटन के मॉडल में भी दर्शाया है जिसके लिये उन्होंने दिन-रात परिश्रम किया है।


समारोह का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण के साथ किया गया। विश्व पर्यटन दिवस समारोह में विद्यार्थियों ने देश व राज्य की संस्कृति को चित्रकला एवं मॉडल बनाकर दिखाया। इनमें बस्तर के जनजीवन, इंडिया गेट, छत्तीसगढ़ का ग्रामीण जीवन, छत्तीसगढ़ के गिरौधपुरी धाम के जैतखम के मॉडल प्रमुख रूप से शामिल थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट अधिकारी श्रीमती दीपिका ढांढ, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।