सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कहा था कि पिछले साल पांच अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से मंजूरी मिली थी और इसके बावजूद बिहार में प्राथमिकी दर्ज की गई और गुजरात के वडोदरा में एक आपराधिक शिकायत लंबित है।
सलमान खान की ओर से पेश हुए वकील ने इससे पहले कहा था कि सीबीएफसी से जब प्रमाणपत्र मिल जाता है तो निर्माता को सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने की मंजूरी मिल जाती है और किसी फिल्म के नाम या गाने को लेकर ऐसी व्यक्तिगत धारणा के आधार पर कोई आपराधिक कानून नहीं लगना चाहिए।
फिल्म के खिलाफ 2018 में कई व्यक्तिगत आपराधिक शिकायतें दर्ज की गईं। जिसमें आरोप है कि फिल्म के नाम से हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। फिल्म का नाम पहले ‘लवरात्रि’ था लेकिन नवरात्रि से मिलते-जुलते नाम को देखते हुए निर्माताओं ने इसका नाम बदलकर ‘लवयात्री’ कर दिया था। फिल्म में सलमान खान के जीजा आयुष शर्मा और ऐक्ट्रेस वरीना हुसैन लीड रोल में थे।
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