SC का रोस्टर बदला, कौन से मामले किसके पास

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने काम का नया रोस्टर जारी करते हुए कहा है कि जनहित याचिकाओं पर सुनवाई भारत के चीफ जस्टिस एसए बोबडे और SC के तीन सर्वाधिक वरिष्ठ जज करेंगे। काम आवंटन का रोस्टर 26 नवंबर से लागू हुआ है जिसमें सीजेआई बोबडे ने जनहित याचिकाओं और पत्र याचिकाओं को अपने पास रखा है। इसमें जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस आरएफ नरीमन भी उनके साथ होंगे।

नया रोस्टर पुराने से थोड़ा अलग है, जब पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने जनहित याचिकाओं को सीजेआई सहित सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष 5 जजों के लिए रखा था। सीजेआई बोबडे ने जनहित याचिकाओं के अलावा अपने पास मानहानि, चुनाव, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका, सामाजिक न्याय, प्रत्यक्ष एवं परोक्ष कर आदि रखे हैं। सीजेआई आपराधिक मामलों को भी देखेंगे। जांच आयोग, कंपनी कानून, व्यापार में एकाधिकारवादी एवं अवरोधात्मक व्यवहार, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय रिजर्व बैंक आदि मामलों की सुनवाई भी उनके पास होगी।

नए रोस्टर के मुताबिक जस्टिस रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ सशस्त्र बलों, अर्द्धसैनिक बलों, क्षतिपूर्ति, आपराधिक एवं सामान्य नागरिक मामले और न्यायिक अधिकारियों से जुड़े मामले, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, जिला अदालतों और अधिकरणों के कर्मचारियों से जुड़े मामले आदि की सुनवाई करेगी। जस्टिस रमन्ना सार्वजनिक परिसर कानून के तहत जगह खाली कराने से जुड़े मामले, मध्यस्थता के मामलों को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका, समुद्री कानून और व्यावसायिक लेनदेन से जड़े मुद्दे भी देखेंगे।

इसी तरह से जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ भूमि अधिग्रहण मामलों, मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण, वैधानिक निकायों के आदेशों के खिलाफ अपील और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं गठन के मुद्दों आदि पर सुनवाई करेगी। जस्टिस मिश्रा अप्रत्यक्ष कर मामलों, अदालत की अवमानना, सामान्य नागरिक मुद्दों और इंजिनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन एवं स्थानांतरण के मुद्दे भी देखेंगे।

जनहित याचिकाओं के अलावा जस्टिस आरएफ नरीमन परिवार कानून से जुड़े मुद्दे भी देखेंगे और सशस्त्र एवं अर्द्धसैनिक बलों के मामलों, लीज केस, सरकार एवं स्थानीय निकाय द्वारा दिए गए ठेके आदि की भी सुनवाई करेंगे। जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ श्रम, किराया कानून, भूमि कानून, कृषि पट्टा आदि मामलों की सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि सीजेआई के अलावा जस्टिस रमन्ना, जस्टिस मिश्रा, नरीमन और भानुमति सुप्रीम कोर्ट कलीजियम में शामिल हैं।

Source: National