महाराष्ट्र में नवगठित सरकार शनिवार को ही राज्य विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेगी। महा विकास अघाड़ी की नई सरकार ने यह फैसला किया है कि विधानसभा में शनिवार को विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इसके बाद विधायकों की वोटिंग कराई जाएगी। बहुमत सिद्ध करने के लिए पूर्व में राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को 3 दिसंबर तक का वक्त दिया था, लेकिन गठबंधन में शामिल दलों से बातचीत के बाद शिवसेना प्रमुख ने फैसला लिया कि शनिवार को ही बहुमत परीक्षण कराया जाए।
बताया जा रहा है कि उद्धव सरकार जल्द से जल्द बहुमत साबित करना चाहती है जिससे मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सके। उधर, बीजेपी ने ‘डर’ की बात करते हुए निशाना साधना शुरू कर दिया है। ऐसे में नई सरकार हर आशंकाओं को जल्द खारिज करना चाहेगी। शिवसेना,एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन के नेताओं ने विधानसभा में अपने कुल सदस्यों के साथ निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा किया है। तीनों दलों ने कहा है कि उनके पास 162 से अधिक विधायकों का समर्थन है।
दिलीप वालसे पाटिल होंगे प्रोटेम स्पीकर
विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले बीजेपी के प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर की जगह एनसीपी नेता दिलीप वालसे पाटिल की नियुक्ति कर दी गई है। इसके अलावा विधानसभा सचिवालय की ओर से शनिवार को विशेष सत्र आयोजित किए जाने की जानकारी भी दी गई है।
तीनों दलों ने किया था 162 विधायकों के साथ होने का दावा
बता दें कि शनिवार को होने वाले बहुमत परीक्षण को उद्धव सरकार की पहली अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। पूर्व में महा अघाड़ी के तीनों दलों के विधायकों ने एक साथ इकट्ठा होकर मुंबई के एक निजी होटल में शक्ति प्रदर्शन किया था। इसके अलावा तीनों दलों ने निर्दलीय विधायकों के भी अपने साथ होने के दावे किए थे।
राज्य के 19वें और ठाकरे परिवार के पहले मुख्यमंत्री
इससे पहले शिवसेना अध्यक्ष ने गुरुवार शाम में महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने रात में ही पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। ठाकरे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन ‘महा विकास अघाडी’ की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। ठाकरे के अलावा छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली है, जिनमें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के दो-दो नेता शामिल हैं।
Source: National