इसकी शायद ही किसी को उम्मीद थी कि ऑस्ट्रेलियाई कैप्टन टिम पेन यह फैसला उस वक्त लेंगे, जब वॉर्नर के पास टेस्ट पारी में सर्वाधिक 400 रनों के वर्ल्ड रेकॉर्ड, जो वेस्ट इंडीज के ब्रायन लारा के नाम है, को तोड़ने का मौका था। सभी पेन के इस फैसले से हैरान दिखे। पविलियन की ओर बढ़ रहे वॉर्नर के कदम उस बात का सबूत थे कि पारी खत्म हो चुकी है और इस पारी में वॉर्नर के नाम नाबाद 335 रन ही रहेंगे। क्रिकेट फैन्स पेन को ट्विटर पर ट्रोल कर रहे हैं।
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आई द्रविड़ के उस फैसले की यादटिम पेन के इस चौंकाने वाले फैसले ने इतिहास के पन्नों में दबे ‘राहुल द्रविड़ और सचिन तेंडुलकर विवाद’ की याद दिला दी। यह बात है मार्च-अप्रैल 2004 की। भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर थी। सीरीज का पहला टेस्ट मैच 28 मार्च से मुल्तान में शुरू हुआ। यह मैच जितना मुल्तान के सुल्तान कहे जाने वाले वीरेंदर सहवाग के ट्रिपल सेंचुरी के लिए जाना जाता है, उतना ही के एक विवादित फैसले के लिए भी।
सचिन चूक गए दोहरा शतकमैच में भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने टॉस जीता और पहले बैटिंग का फैसला किया। ओपनर सहवाग ने 375 गेंदों में 39 चौके और 6 छक्के लगाते हुए 309 रन की पारी खेली और टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज बने। इसी पारी में भारत ने 5 विकेट पर जैसे ही 675 रन बनाए, तभी राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी और सचिन तेंडुलकर अपना दोहरा शतक केवल 6 रन से चूक गए।
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गुस्से में थे सचिनजब सचिन मैदान से वापस लौट रहे थे तो उनका चेहरा दोहरा शतक ना बना पाने की वजह से गुस्से में तमतमा रहा था। कहा जाता है कि अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाने वाले मास्टर इतने गुस्से में थे कि काफी समय तक द्रविड़ से बात नहीं की। राहुल के इस फैसले पर काफी विवाद हुआ, लेकिन दोनों ने कभी खुलकर इस पर बात नहीं की। सचिन-द्रविड़ भले ही उस विवाद को भूल गए हों, लेकिन जब भी कप्तान के ऐसे फैसले आते हैं तो भारतीय क्रिकेट इतिहास का यह विवाद लोगों के जेहन में ताजा हो जाता है।
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भारत को मिली थी पारी से जीतपाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में 3 मैचों की सीरीज के इस पहले टेस्ट मैच में भारत ने पारी और 52 रनों से जीत दर्ज की थी। भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 5 विकेट गंवाकर 675 रन पर पारी घोषित की। पाकिस्तान की पहली पारी 407 और फॉलोऑन के बाद दूसरी पारी 216 रन पर ही सिमट गई।
Source: Sports