मप्र में प्याज की कीमतें आसमान पर पहुंचीं, कृषि मंत्री ने कहा-जमाखोरी पर सख्त कार्रवाई होगी

इंदौर, दो दिसंबर (भाषा) मध्य प्रदेश में प्याज के आसमान छूते दामों से ग्राहकों की परेशानी का संज्ञान लेते हुए कृषि मंत्री सचिन यादव ने सोमवार को कहा कि रोजमर्रा के उपयोग में आने वाले इस खाद्य उत्पाद की जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे। यादव ने कहा, “जो लोग प्याज की जमाखोरी और कालाबाजारी के जरिये नाजायज आर्थिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार प्याज के जमाखोरों के ठिकानों पर छापे मारेगी, कृषि मंत्री ने कहा, “हम आम ग्राहकों को राहत देने के लिये हर वह कदम उठायेंगे जो नियमानुसार संभव होगा।” राज्य में कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार 17 दिसंबर को एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। इस बीच, भाजपा आरोप लगा रही है कि सत्तारूढ़ दल किसान कर्ज माफी का अपना प्रमुख चुनावी वादा अब तक नहीं निभा सका है। इस आरोप को खारिज करते हुए कृषि मंत्री ने बताया, “भाजपा की पिछली सरकार हमें विरासत में खाली खजाना और विफल तंत्र सौंप कर गयी थी। इसके बावजूद हमने पहले चरण में 20 लाख से ज्यादा किसानों का 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ कर दिया है।” उन्होंने बताया कि राज्य में किसान कर्ज माफी का दूसरा चरण जल्द शुरू किया जायेगा। यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार जल्द ही एक महत्वाकांक्षी योजना पेश करने जा रही है। इसके तहत मंडियों में कृषि उपजों की कीमतों में गिरावट पर किसान अपने क्षेत्र के 15 किलोमीटर के दायरे में मौजूद भंडारगृहों और ‘कोल्ड स्टोरेज’ में फसल को चार महीने के लिये सरकारी खर्च पर सुरक्षित रख सकेंगे। इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां राजबाड़ा इलाके में गले में प्याज की मालाएं पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्याज की बढ़ती कीमतों के लिये केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि शहर में प्याज के दाम बढ़कर 120 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गये हैं, जबकि एक किलोग्राम सेब खरीदने के लिये ग्राहकों को केवल 60 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

Source: Madhyapradesh