डिफेंस मिनिस्ट्री के तहत आने वाली की क्षमता और बुनियादी ढांचे पर सीएजी ने गंभीर सवाल उठाए हैं। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑर्डनंस फैक्ट्री (ओएफबी) इंडियन आर्मी की जरूरत के हिसाब से वक्त पर गोला-बारूद सप्लाइ नहीं कर पाई जिसकी वजह से इंडियन आर्मी की की तैयारियों (operational preparedness) पर नकारात्मक असर पड़ा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ओएफबी बडमाल ने डिफेक्टिव गोला बारूद की सप्लाई की थी जिसकी वजह से 62.10 करोड़ रुपये का नुकसान भी उठाना पड़ा।
सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑर्डनंस फैक्ट्री ने 2017-18 में 14251 करोड़ रुपये की सामग्री सप्लाई की। ऑर्डनंस फैक्ट्री से सबसे ज्यादा सामग्री इंडियन आर्मी लेती है जो ओएफबी की कुल सप्लाइ का करीब 80 पर्सेंट हैं। लेकिन ओएफबी बस 49 पर्सेंट ही प्रॉडक्शन टारगेट को पूरा कर पाई। सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक ओएफबी 31 मार्च 2018 तक इंडियन आर्मी की जरूरत के प्रमुख गोला बारूद वस्तुओं की मांग को पूरा नहीं कर सकी जिसकी वजह से आर्मी की युद्ध की तैयारियों पर नकारात्मक असर पड़ा। इसमें कहा गया है कि बुनियादी ढांचे और क्षमता की कमी की वजह से ओएफबी इंडियन आर्मी की जरूरत को पूरा नहीं कर सका।
रिपोर्ट में डिफेक्टिव गोला बारूद सप्लाई करने का भी जिक्र है। इसमें कहा गया है कि ऑर्डनंस फैक्ट्री बडमाल ने आर्मी को मार्च 2009 और मार्च 2010 में 155 एमएम तोपखाने के लिए गोला बारूद की सप्लाई की थी। लेकिन आर्मी ने रिपोर्ट किया कि उसकी शेल्फ लाइफ के भीतर ही गोला बारूद के शेल से टीएनटी मिश्रित विस्फोटक लीक हो रहा है। यह टीएनटी के निर्धारित रेंज से कम मेल्टिंग पॉइंट की वजह से हुआ था। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में विस्फोटक भरने से पहले सेट मेल्टिंग पॉइंट को लेकर टेस्ट नहीं किया गया था, क्योंकि सीक्यूए स्पेशिफिकेशन में ऐसे टेस्ट के प्रावधान का जिक्र नहीं था।
सीक्यूए (कंट्रोलरेट ऑफ क्वॉलिटी अश्योरेंस) पुणे ने यह तो कहा कि स्पेशिफिकेशन में सेट पॉइंट के प्रावधान का जिक्र न होने का मतलब यह नहीं कि विस्फोटक के सेट पॉइंट का टेस्ट ना किया जाए लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं दिया कि बिना इस टेस्ट के कैसे गोला बारूद को पास कर दिया गया। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि डिफेक्टिव गोला बारूद को ओएफबी को रिप्लेस करना पड़ा और इसकी वजह से 62.10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ऑर्डिनंस फैक्ट्री बडमल 155 एमएम तोपखाना गोला बारूद को भरने की फैक्ट्री है।
Source: National