नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस मिश्रा के सम्मान में सोमवार को विदाई समारोह रखा था जिसमें जस्टिस गोगोई और जस्टिस मिश्रा ने एक दूसरे की तारीफ की।
भारतीय न्यायपालिका दुनिया की सबसे मजबूत संस्था है। ये हमले और बुरे वक्त में भी मजबूती से खड़ी रहती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां के न्यायाधीश हमेशा कानून को सही परिपेक्ष्य में पेश करते हैं और न्यायिक परंपरा को कायम रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है और हमेशा रहेगा। आने वाले नये मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई के हाथ में न्यायपालिका की स्वतंत्रता अक्षुण्ण रहेगी।
न्यायपालिका की खूबियों और नामित मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की तारीफ मे ये बातें भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने सोमवार को विदाई समारोह में बोलते हुए कहीं।
जस्टिस मिश्रा 2 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश पद से सेवानिवृत हो जाएंगे और 3 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेगें।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निष्पक्षता मजबूती के साथ कायम है और इसे किसी तरह की बनावटी चीजें खत्म नहीं कर सकतीं। हमारी न्यायपालिका दुनिया की सबसे मजबूत संस्था है, यहां के न्यायाधीश इतने बड़े मुकदमों के ढेर को निपटाने की क्षमता रखते हैं, वे लगातार समुद्र में बूंद के समान काम करते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि इतिहास दयावान या निर्दयी हो सकता है। वह किसी को उसके इतिहास से नहीं जांचते बल्कि उसकी गतिविधियों और धारणा के आधार पर जांचते हैं। न्याय, मानवीय संवेदनाओं का होना चाहिए। गरीब और अमीर के आंसू समान होते हैं।