खाड़ी देशों के सम्मेलन में नहीं शामिल हुआ कतर

दोहा
खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका के सहयोगियों के बीच राजनयिक संकट में सुधार के संकेत के बावजूद के शासक की गैर मौजूदगी में सऊदी अरब में मंगलवार को खाड़ी देशों का सम्मेलन शुरू हुआ। कतर के शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने खाड़ी सहयोग परिषद् शिखर (जीओसी) सम्मेलन में कतर के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने के लिए प्रधानमंत्री अब्दुल्ला बिन नासिर बिन खलीफ अल-थानी को भेजा।

सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत और बहरीन के संगठन जीओसी में 2017 के मध्य से मतभेद चला आ रहा है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने कतर से नाता तोड़ लिया था और इस छोटे से प्रायद्वीप देश की घेराबंदी कर दी। चारों देश कतर पर मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे इस्लामिक संगठनों का समर्थन करने का आरोप लगाते हैं। वे उसे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए आतंकी खतरे के रूप देखते हैं। वे कतर पर ईरान के साथ भी संबंध रखने का आरोप लगाते हैं।

ईरान के साथ व्यापक समुद्री गैस भंडार साझा करने वाले कतर का कहना है कि ‘अंतरराष्ट्रीय कानून को अक्षुण्ण रखना और मानवाधिकार की रक्षा करना, न कि किसी पार्टी या संगठन की रक्षा करना’ उसकी हमेशा से प्रतिबद्धता रही है। हाल के सुलह संकेतों के बीच वैसे विश्लेषकों के बीच कुछ अटकले थीं कि शेख तमीम सम्मेलन में पहुंचेंगे। अन्य का कहना है कि जबतक कतर की घेराबंदी है तबतक वह इन चारों में से किसी भी देश में नहीं जायेंगे। वैसे कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने पिछले हफ्ते माना था कि सऊदी अरब से बातचीत हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें आशा है कि इस वार्ता से बात बनेगी जहां हम इस संकट का समापन कर सकते हैं।’

Source: International