स्वास्थ्य सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ गरीबों तक पहुंचाना डॉक्टरों की बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी: डॉ. रमन सिंह

रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि शासन द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ जरूरतमंद और गरीब मरीजों तक पहुंचाना डॉक्टरों की एक बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के करोड़ों गरीबों को गंभीर बीमारियों के इलाज में पांच लाख रूपए तक सहायता देने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई है। इस योजना को लागू करने का दायित्व भी डॉक्टरों पर है।
मुख्यमंत्री आज शाम यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर दाऊ कल्याण सिंह सुपरस्पेश्यलिटी अस्पताल, स्नातकोत्तर संस्थान और अनुसंधान केन्द्र का लोकार्पण करने के बाद जनता को सम्बोधित कर रहे थे। राज्य शासन द्वारा पुराने डीकेएस मंत्रालय भवन को 140 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेशवासियों के लिए सुपरस्पेश्यलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री ने अस्पताल परिसर में दानवीर दाऊ कल्याण सिंह की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करते हुए माल्यार्पण भी किया।
लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने आज एक नये युग में प्रवेश किया है। उन्होंने कहा- राज्य निर्माण के बाद और विशेष रूप से विगत 15 वर्षों में प्रदेश सरकार के प्रयासों से छत्तीसगढ़ में चिकित्सा सुविधाओं का दूरदराज क्षेत्रों तक विस्तार हुआ है। हमारे सुदूरवर्ती जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा और बीजापुर के शासकीय जिला अस्पतालों में भी अत्याधुनिक उपकरणों के साथ जनता को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं। राष्ट्रीय स्तर की अनेक बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं अब हमारे प्रदेश में भी उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी से लेकर गांवों तक प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के नेटवर्क को काफी बेहतर बनाया है। इसके फलस्वरूप जहां मातृ और शिशु मृत्युदर में काफी कमी आयी है, वहीं सरकारी अस्पतालों में गर्भवती माताओं के संस्थागत प्रसव का प्रतिशत लगातार बढ़ता गया है, जो एक अच्छा संकेत है।
डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा रायपुर में मेडिकल कॉलेज परिसर में संचालित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान ने आज पूरे देश में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने दाऊ कल्याण सिंह सुपरस्पेश्यलिटी अस्पताल की विशेषताओं का भी उल्लेख किया। डॉ. सिंह ने कहा कि अनेक आधुनिक और अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित इस अस्पताल को पोस्ट ग्रेजुएट संस्थान का दर्जा यहां पर देश का सबसे बड़ा आधुनिक डायलिसिस सेंटर भी बनाया गया है। अस्पताल में 20 आधुनिक ऑपरेशन थियेटर भी बनाए गए हैं। लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने भी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के निरंतर विकास की विस्तार से जानकारी दी।
श्री चन्द्राकर ने कहा कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना, बाल श्रवण योजना, बाल मधुमेह रोकथाम योजना, टीबी के मरीजों के लिए पोषण आहार की योजना सहित कई योजनाओं से प्रदेश में जनस्वास्थ्य की स्थिति बेहतर हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पूरी संवेदनशीलता के साथ स्वास्थ्य विभाग के बजट में लगतार वृद्धि की है। विभाग का बजट विगत 15 साल में 350 करोड़ रूपए से बढ़कर चार हजार 300 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। राजधानी के अम्बेडकर अस्पताल में बुजुर्गों के लिए अलग से ओपीडी सुविधा 01 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर प्रारंभ की गई है।
कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि रायपुर में सुपरस्पेश्यलिटी अस्पताल शुरू होने पर अब छत्तीसगढ़ के नागरिकों को अपने ही राज्य में देश के महानगरों जैसी सुपर स्पेश्यलिटी चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। श्री बृजमोहन अग्रवाल ने अस्पताल परिसर में दानवीर कल्याण सिंह की आदमकद प्रतिमा की स्थापना पर खुशी जतायी और इसके लिए छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज सहित सभी लोगों को बधाई दी। लोकसभा सांसद श्री रमेश बैस ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य शासन द्वारा डीकेएस सुपरस्पेश्यलिटी अस्पताल की स्थापना से अब राज्य के गरीबों को बेहतर से बेहतर तथा सस्ते इलाज की सुविधाएं मिलेंगी। स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। लोकार्पण समारोह में लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, विधायक श्री श्रीचंद सुंदरानी, मनोनीत विधायक श्री बर्नाड जोसेफ रोड्रिक्स, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त श्री आर. प्रसन्ना सहित शासन-प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।