रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है, कि दवा कारोबार को लेकर छत्तीसगढ़ यूथ फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष व सचिव का आरोप बेहद गंभीर है, कि प्रदेश भर में फर्जी तरीके से दवाई दुकाने संचालित की जा रही है। मेडिकल की दुकानें कोई अन्य व्यक्ति चला रहा है जबकि लाइसेंस किसी अन्य व्यक्ति के नाम है, सरकार एवं स्वास्थ्य महकमे को सब कुछ पता है फिर भी पूरा विभाग भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी करके पूरे मामले को दबाए बैठा है। नौकरी पेशा के लोग भी अपने फार्मेसी लाइसेंस को किराए में देकर खुद दोहरी आय अर्जित कर रहे हैं और जिसे दवाइयों का कुछ भी ज्ञान नहीं है वह मेडिकल स्टोर्स संचालित कर रहा है। शिकायतों के बाद भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने चुप्पी साध रखी है। नकली गोली, नकली सिरप और नशे की गोली, बेचे जाने के राज्य में दर्जनों मामले सामने आने के बाद भी गोरखधंधा बदस्तूर चल रहा है। राज्य में गिनती के ड्रग इंस्पेक्टर केवल पैसा वसूली के लिए दौरा करते हैं। जांच के नाम पर जबरदस्त भ्रष्टाचार किया जा रहा है और नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यूथ फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश पदाधिकारियों के अनुसार फार्मा का कार्य शासन-प्रशासन के लिए केवल अवैध व्यापार बन गया है, जिसकी विश्वसनीयता बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। शासन के नुमाइंदे फल-फूल रहे हैं और प्रमाणित शिकायतों पर भी जांच उपरांत कोई कार्रवाई नहीं होती है और प्रकरण को रफा-दफा कर दिया जाता है। जानकारी दी गई है कि हर जिले में एक से डेढ़ दर्जन मेडिकल स्टोर्स का संचालन गैर फार्मासिस्ट कर रहा है, जबकि लाइसेंसी अन्यत्र कोई अन्य कार्य कर रहा है। प्रदेश युवा फार्मासिस्ट की वेदना उचित है, कि फर्जी तरीकों से संचालित मेडिकल स्टोर्स पर कार्रवाई होनी चाहिए। समूचे राज्य से करोड़ों की उगाही करने का माध्यम बन चुका यह कारोबार चिंता का विषय है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि सरकार के संरक्षण में चल रहा यह कारनामा जग जाहिर है लेकिन इसमें रोक कौन लगायेगा यह सवाल खड़ा होता है? स्वास्थ्य जैसे गंभीर मामलों में जानबूझकर लापरवाही अक्षम्य है। इस सरकार में हर स्तर पर की जा रही कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार पर तभी लगाम लगाया जा सकता है जब सत्ता से भाजपा सरकार को उखाड़ फेंका जाएगा अन्यथा यह नासूर बन जाएगा जो जानलेवा साबित होगा।