बीसीसीआई ने अपने ट्विटर पर एक विडियो पोस्ट किया है, जिसमें मयंक ‘चहल टीवी’ पर स्पिनर के साथ बातचीत कर रहे हैं। मयंक ने कहा, ‘अगर मैं आगे भी इसी तरह से खेलता रहा तो यह मेरे लिए अच्छा होगा क्योंकि मुझे खाली बैठने की जगह क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा।’
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उन्होंने कहा, ‘जब फॉर्मेट में बदलाव के कारण मानसिकता बदलने की बात आती है तो आपका बेसिक्स (स्वाभाविक खेल) वही रहता है। अगर आपका गेम प्लान स्पष्ट है तो खुद को अलग-अलग फॉर्मेट के अनुरूप ढलना आसान होता है और खेल को लेकर आपकी समझ स्पष्ट होती है।’
मयंक ने अब तक 9 टेस्ट मैचो में 3 शतक लगाए हैं। इन तीन शतकों में दो दोहरा शतक भी शामिल है। भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हों या सीमित ओवरों का क्रिकेट उनका ध्यान हमेशा काम पर होता है।
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उन्होंने कहा, ‘मैं कहीं पर भी खेलूं, हमेशा यही सोचता हूं कि अपनी टीम के लिए कैसे योगदान दे सकता हूं। अगर मैं रन नहीं भी बना पाऊं तो मैं फील्डिंग में योगदान देने के बारे में सोचता हूं, मैदान पर अधिक ऊर्जा लेकर आता हूं।’
Source: Sports