सऊदी का दबाव, मलयेशियाई नहीं जाएंगे इमरान

इस्लामाबाद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मलयेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद की मेजबानी में गुरुवार से होने वाले कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगें। कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से दबाव बढ़ने के बाद यह फैसला हुआ। इमरान को कुआलालंपुर में ईरान, तुर्की और कतर के नेताओं के साथ मंच साझा करना था।

इसे बड़ी कूटनीतिक नाकामी के तौर पर देखा रहा है क्योंकि मलयेशिया और तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर पूरी तरह पाकिस्तान की भाषा बोला था। मलयेशियाई सरकार के मुताबिक इमरान ने महातिर मोहम्मद को फोन करके अपने फैसले की जानकारी दे दी है।

पाकिस्तान ने अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को मलयेशिया भेजने पर भी विचार किया था लेकिन बाद में फैसला हुआ कि कुआलालंपुर समिट से दूर ही रहना है। इमरान और जनरल बाजवा दोनों ने सऊदी अरब और यूएई को मनाने की कोशिशें की लेकिन बात नहीं बनी। हाला ही में बाजवा यूएई गए थे और इमरान सऊदी अरब।

19 से 21 दिसंबर तक चलेगा कुआलालंपुर समिट
कुआलालंपुर समिट 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक चलेगा और इसे मुस्लिम वर्ल्ड में एक नए पावर सेंटर को बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। समिट में तुर्की, कतर, ईरान के नेता भी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें 52 देशों के 450 नेताओं, स्कॉलरों, मौलानाओं और विचारकों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

इसलिए समिट को खुद के लिए खतरे के तौर पर देख रहा सऊदी
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, समिट को सऊदी के नेतृत्व वाले ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (OIC) का विकल्प तैयार करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। सऊदी का मुस्लिम वर्ल्ड में दबदबा रहा है और वह इस समिट को खुद की बादशाहत को चुनौती के रूप में देख रहा है।

(इनपुट- पीटीआई)

Source: International