जडेजा ने कहा, ‘मुझे खुद को साबित करना था कि मैं अभी भी सीमित ओवरों का क्रिकेट खेल सकता हूं। मुझे दुनिया में किसी को कुछ साबित नहीं करना था।’ अपनी पारी के बारे में उन्होंने कहा, ‘यह काफी अहम पारी थी क्योंकि यह निर्णायक मैच था। विकेट बल्लेबाजी के लिए उम्दा था। हमें बस गेंद को भांपकर खेलना था।’
उन्होंने कहा, ‘मैने इस साल ज्यादा वनडे क्रिकेट नहीं खेला। लेकिन जब भी मौका मिला गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की।’ छह गेंद में नाबाद 17 रन बनाने वाले शार्दुल ठाकुर के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘आखिरी गेंद तक खेलना अहम था। हमें पता था कि हम ही जीतेंगे।’
जडेजा ने स्वीकार किया कि टीम को फील्डिंग पर मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘पूरी सीरीज में कई कैच छूटे। हमारी फील्डिंग के स्तर को देखते हुए ऐसा नहीं होना चाहिये था। दूधिया रोशनी में ओस के कारण ऐसा हो जाता है। कैच छूटने का खामियाजा भुगतना पड़ता है। अगली सीरीज में इस पहलू पर ध्यान देना होगा।’
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