भोपाल, 24 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने गरीब वर्ग के लिये चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना में केन्द्र सरकार द्वारा दिया जा रहा हिस्सा 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने की मांग की है। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘गरीब वर्ग को मकान देने के लिये चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना में 60 प्रतिशत केन्द्र तथा 40 प्रतिशत प्रदेश सरकार द्वारा व्यय किया जाता है। लेकिन इसमें मकान आवंटन का अधिकार प्रदेश सरकार को नहीं है। इसलिये इसमें केन्द्र सरकार के व्यय का हिस्सा बढ़ाकर 80 फीसदी किया जाना चाहिये।’’ उन्होंने बताया कि पहले इंदिरा आवास योजना में केन्द्र सरकार 80 प्रतिशत खर्च करती थी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थियों का चयन करने का अधिकार स्थानीय निकाय के पदाधिकारियों को देने की मांग की है। पटेल ने कहा, ‘‘क्योंकि स्थानीय निकायों के पदाधिकारी जानते हैं कि किस गरीब को घर की जरुरत है लेकिन पीएम आवास योजना इस तरह से बनाया गया है कि इसमें उनकी कोई भूमिका ही नहीं है।’’ पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना :मनरेगा: के तहत प्रदेश में गौ शालाओं का निर्माण कर रही है। उन्होंने बताया, ‘‘हमने 2019-20 में 1000 गौ शालाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा था। इनमें 219 गौशालाओं का निर्माण पूरा हो चुका है तथा 200 का निर्माण अगले पखवाड़े में पूरा हो जायेगा। शेष का निर्माण आगामी फरवरी माह तक पूरा हो जायेगा।’’ उन्होंने बताया कि इन गौशालाओं में गायों के लिये शेड, गोदाम, खाद इकाई, पानी का टैंक और चौकीदार के लिये कमरे का इंतजाम किया जा रहा है। मंत्री ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने मनरेगा का बकाया 350 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान मध्यप्रदेश को नहीं किया है। इसके अलावा पटेल ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के साथ केन्द्र सरकार का रवैया भेदभाव पूर्ण है। बाढ़ और अतिवृष्टि के नुकसान के कारण प्रदेश ने केन्द्र से लगभग 7000 करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन केन्द्र ने केवल 1,000 करोड़ रुपये दिए हैं।
Source: Madhyapradesh