अम्बिकापुर– आश्रय संगठन ने क्रिसमस त्यौहार के उपलक्ष्य में महामाया मंदिर में जाकर वहां के गरीब बच्चों के साथ मिलकर क्रिसमस मनाया और बच्चो को गिफ्ट,और उनके साथ मिलकर केक काटा गया संगठन ने बच्चो को क्रिसमस दिवस के बारे में बताए की क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। ईसाई समुदाय के लोग इस त्योहार को बहुत धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह त्योहार हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था। क्रिसमस पर बच्चों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होता है सांताक्लॉज, जो लाल और सफेद कपड़ों में बच्चों के लिए ढेर सारे उपहार और चॉकलेट्स लेकर आता है। यह एक काल्पनिक किरदार होता है जिसके प्रति बच्चों का लगाव होता है। ऐसा कहा जाता है कि सांताक्लाज स्वर्ग से आता है और लोगों को मनचाही चीजें उपहार के तौर पर देकर जाता है। इस दिन आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। इसकी विशेष सज्जा की जाती है और इसके माध्यम से सभी एक दूसरे को उपहार भी देते हैं। इस त्योहार में केक का विशेष महत्व है। केक क्रिसमस का विशेष व्यंजन है, इसके बिना क्रिसमस अधूरा होता है। मीठे, मनमोहक केक काटकर खिलाने का रिवाज बहुत पुराना है।
इस दिन लोग चर्च और अपने घरों में क्रिसमस ट्री को सजाने और केक बनाने का बेहद महत्व है। घर पर आने वाले मेहमानों एवं मिलनू-जुलने वाले लोगों को केक खिलाकर मुंह मीठा किया जाता है और क्रिसमस की बधाई दी जाती है।
संगठन ने बच्चों को बताया कि सब भगवान एक होते है इसलिए हमें सब त्यौहार मिलकर बनाना चाहिए और हमारे संगठन का यही उद्देश्य है और इस दौरान संगठन के रचित मिश्रा, प्रांजल शर्मा रणवीर सिंह रोहित जैन आदि उपस्थित रहे।।