रायपुर। आलाकमान की अंग्रेजी पर निर्भरता की वजह से छत्तीसगढ़ की टिकटों संबंधी कांग्रेसी बैठक टल जाने की खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा प्रवक्ता व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने कहा है कि कांग्रेस नेतृत्व का अंग्रेज चेहरा और संस्कृति बेनकाब हो गयी है। हिन्दुस्तान पर हुकूमत करने का सपना देखने वाले राहुल गांधी और उनकी मंडली की नजर में भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी इतनी चुभ गई कि हिन्दी में लिखे नामों की सूची रद्दी की टोकरी में डालकर अंग्रेजी में नाम लिखकर लाने का फरमान सुनाते हुए बैठक ही उठ गई।
श्री संदरानी ने कहा कि ऐसी खबर आई है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी उम्मीदवार तय करने के लिए आयोजित बैठक में यहां के नेता हिन्दी में नाम लिखकर ले गए थे, जिसे राहुल गांधी के सिपहसालारों ने ठुकरा दिया और बैठक ही आगे बढ़ा दी। जिस पार्टी में हिन्दी का ऐसा अपमान हो रहा हो वह पार्टी हिन्दुस्तान और खासकर छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेश की भावना को कैसे समझ सकती है।
प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हिन्दी समझ में नहीं आती। वे हिन्दी बोलने की कोशिश करते हैं तो अंग्रेजी में लिखी हिन्दी पढ़कर काम चलाते हैं। कांग्रेस नेतृत्व की मानसिकता अंग्रेजों की फूट डालो, राज करो की नीति पर आधारित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह कृत्य भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभाषा का अपमान है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का भी अपमान किया है। सबसे शर्मनाक बात यह है कि कांग्रेस के छत्तीसगढिय़ा नेताओं ने पार्टी के काले अंग्रेजों के सामने गुलामी कबूल करते हुए यह लज्जाजनक व्यवहार खुशी-खुशी सहन कर लिया। ऐसे बेगैरत कांग्रेसियों से कतई उम्मीद नहीं की जा सकती कि वे अपने नेतृत्व को छत्तीसगढ़ की सौम्य संस्कृति के अनुरूप आचरण करने राजी कर पायेंगे। श्री सुंदरानी ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व की आंख पर अंग्रेजियत का चश्मा चढ़ा हुआ है। इस पार्टी को छत्तीसगढ़ सहित भारत से, भारतीयता से, यहां के परिवेश से, जनता की समस्याओं से, उनके विचार से, उनकी पसंद नापसंद से कोई सरोकार नहीं है। कांग्रेस आयातित संस्कृति की विरासत पर आश्रित है, जिससे छत्तीसगढ़ की भावनाओं को जानने समझने महसूस करने की कल्पना ही बेमानी है।